जाने- माने व्यकितत्व किशोर जैन!
"दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय" में हुआ साक्षात्कार!
अतिथि: किशोर जैन जी
होस्ट: मंजरी निधि " गुल"
रिपोर्ट: सुनीता सिंह "सरोवर"
मन के हारे हार,
मन के जीते जीत।
मन से मन की बात हो,
मन ही मन का मीत!
मंजरी जी- आप पंजाब से हैं फिर लंदन आना क्यूँ और कैसे हुआ?
किशोर जैन जी- कुछ नया करने की अभिलाषा, कुछ नये परिभाषा गढ़ने की चाहत में लंदन आना हुआ, उस समय के हालात और वक्त ने बस यही का बना दिया।
मंजरी-आप लंदन में क्या करते हैं?
किशोर जैन जी- यहाँ बी. बी. सी और दूसरे चैनल से जुड़ कर होस्ट के रूप में मुखातिब हुए, फिलहाल रेडियो रिप्रेज़ेंटेटिव के रूप में कार्यरत हैं।
मंजरी जी- आप लंदन से भारत में NGO चलाते हैं?
किशोर जैन जी- अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत ने ही सात समंदर पार से भी देश सेवा के लिए प्रेरित किया, और यहाँ से ही देश के दूर दराज के गाॅंवो में आई कैंप, स्वास्थ्य सेवाओं के साथ- साथ शिक्षा संबंधित योजनाओं को संचालित किया जाता है, "मेरा ऐसा मानना है कि अगर हम एक बेटे को पढ़ाते हैं, तो हम एक अच्छा इंसान देते हैं समाज को, लेकिन अगर हम एक बेटी को शिक्षित करते हैं तो एक सुदृढ़ समाज का निर्माण करते हैं। वैसे भी बचपन से ही सेवा की भावना कूट- कूट कर भरा गया है, जब मैं केवल तेरह साल का था, तभी से मैंने स्टेशन पर पानी पिलाने का कार्य करता था, मेरे इस कार्य को बहुत सराहना मिली और लोगों ने फाइनेंशियल सपोर्ट करना शुरू कर दिया। धीरे- धीरे हमनें लंगर की सेवाएं दी, जब युद्ध की शुरुआत हुई तो सरहद पर जाने वाले सैनिकों के लिए पैक्ड फूड के पैकेट देकर अपना प्यार देते हुए विदा करते थे।
मंजरी निधि- बहुत ही निजी प्रश्न कर रही हूँ आपकी बचपन से यहाँ तक की यात्रा हम जानना चाहेंगे कि सिल्वर स्पून या स्ट्रगल्स?
किशोर जैन जी- परिवार का सहयोग हो तो कठिन समय भी सिल्वर स्पून बन जाता है, संस्कार और प्रेम इंसान के लिए वरदान स्वरूप होतें हैं, मेरे जीवन में भी तमाम उतार - चढ़ाव आए, मगर अपनों के आशीर्वाद से सारे संघर्ष आसान हो गये। आज जब मैं अपने देश को रिप्रजेंट करता हूँ, तो पूरा भारत मेरे दिल में समा जाता है। पहली बार जब बी.बी.सी पर जय जिनेन्द्र बोला तो लगा, मैंने अपने भारत के गौरव का ध्वज लहरा दिया है। वैसे भी हमारे परिवार में मेरे परदादा ने दीक्षा ली और लगभग आठ- नौ लोगों ने दीक्षा ली है, तो हम जहाँ भी गये हमने पूरी निष्ठा से धर्म का पालन किया। यही नहीं हमारे फैमिली से बहुत से लोग फौज में भी सेवाएं दे रहे हैं और सभी ने शुद्ध शाकाहारी रह कर अपने देश-धर्म के सजग प्रहरी बने हुए हैं।
मंजरी निधि- आप अपनी ऑटो बायोग्राफी कब तक पूरी करेंगे?
किशोर जैन - देखिए मैं लिखने में थोड़ा आलसी हूँ, फिर भी कोशिश है कि जल्द पूरा कर सकूँ।
मंजरी निधि- सर आप कभी long drive पर निकल जाते हैं तो आप हार्स राइडिंग करते नज़र आते हैं तो क्या इसके अलावा भी आपकी कोई हाॅबी है?
किशोर जैन जी- देखिए जब जैसा वक्त था मैंने उसी के हिसाब से चला कभी साइकिल, कभी वो जो तांगा चलते थे मैंने अपने शौक उस पर भी पूरा किया अब चार्टर प्लेन कभी हेलीकॉप्टर बस मन मुराद पूरी करना ही है कहीं कुछ छूट न जाए।
मंजरी निधि- आते - जाते आप हमारे दर्शकों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
किशोर जैन जी- जीवन ईश्वर का दिया हुआ अनमोल तोहफा है, आज जितनी खुशियाँ आपके पास है, उसका रब को महर करिये और प्रत्येक दिन सुबह उठते ही यह अरदास करें कि आज मैं किसी के काम आ सकूं। किसी के चेहरे पर मुस्कराहट की वजह बनूँ ऐसा करके हम अपने लिए भी कुछ कर सकेंगे और अपने अपनों के लिए भी, खुश रहें खुश रखें।
अंत में बेहतरीन संचालन कर रही मंजरी निधि ने अपने अतिथि को धन्यवाद दिया। इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापिका व कार्यक्रम की आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या' को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया कि इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे देखा जा सकता हैं। उसकी रेकॉर्ड वीडियो को भी बाद में देखा जा सकता है।