मनोज सिंह
(एडमिन: अनुभव जिंदगी का)
सम्मानित साथियों
मानव जीवन का हासिल होना इस सृष्टि का सबसे अमूल्य उपहार है। प्रत्येक ब्यक्ति को ईश्वर प्रदत प्रकृति उसके जीवन को सजाने व संवारने का भरपूर अवसर प्रदान करके इस धराधाम पर स्थापित करती हैं। इस गुढ़ रहस्य का मूल्यांकन कर अपने जीवन को संवारने के बजाय हम इसे असामाजिक कार्यों में जाया करने की भूल कर बैठते हैं। ऐसा करके हम अपने अमूल्य वक्त को बर्बाद करते हैं। अनुभव जिंदगी का सोशल मीडिया ग्रुप क्षेत्र में साम्प्रदायिक सौहार्द तथा सामाजिक सद्भावना का प्रतीक बनकर प्रत्येक विपरीत अवसरों पर जरूरतमंद लोगों के लिए मजबूत सहारा बनते रहा है। पिछले दिनों मुबारकपुर पंचायत के दो मुहल्ले में बंटे या यों कहें दो परिवारों के बीच कतिपय विवाद के कारण अप्रत्याशित तथा अनहोनी घटना घटित हुई। वहाँ का पूरा घटनाक्रम मानवता को शर्मसार करने वाला है।
सोशल ग्रुप के माध्यम से हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। साथ ही इस क्षेत्र में सामाजिक समरसता बहाल करने के सारण जिला प्रशासन के प्रयासों का पुरजोर समर्थन करते हैं। पिछले पांच दिनों से हम भी अपने पत्रकार मित्रों तथा सोशल ग्रुप से जुड़े सम्मानित साथियों के सहयोग से प्रतिदिन मुबारकपुर पहुँचकर अपनी क्षमता के मुताबिक सामाजिक समरसता बहाल कराने की दिशा में प्रयासरत हैं। इन पांच दिनों में इस क्षेत्र का जो सामाजिक ह्रास हुआ है वह अकल्पनीय है। ग्रुप में शामिल समस्त साथियों से मैं एक बार पुनः विनम्रतापूर्वक अपील करना चाहता हूँ कि हम सबने अपने सद्प्रयासों से जाति धर्म से ऊपर उठकर सिर्फ जरूरतमंद लोगों के लिए जीने की कला सीखी है। भूखों को भोजन नंगों को कपड़ा भूले विसरे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने दुर्घटना के शिकार लोगों का इलाज कराने के साथ साथ मरीजों के दरवाजे अथवा अस्पतालों तक पहुँच कर असंख्य बार रक्तदान करते समय हमारे किसी साथी ने तो कभी नही पूछा कि जरूरत मंद किस जाति तथा किस धर्म से ताल्लुक रखता है।
रही बात अपराध की तो उसके लिए हमारा संविधान प्रत्येक अपराध का दंड निर्धारित करता है। उसके लिए हमें कानून के फैसले का इंतजार करना चाहिए। कानून को हाथ में लेने जैसे अनैतिक कार्यों से परहेज रखना चाहिए। अपराधी को अपराध का दंड मिलना ही मिलना है। कतिपय कारणों से नीचे की अदालत से बचा भी जा सकता है पर ईश्वर की अदालत से कोई बच नही सकता। चन्द स्वार्थी लोगों के उकसावे में आकर ईश्वर के अमूल्य धरोहर मानव जीवन को द्वेष एवम घृणा में घोलकर बर्बाद न करें। आप सबका आभार।नमस्कार।
आपका अपना
मनोज कुमार सिंह
समूह संचालक
अनुभव जिंदगी का