श्री मंगल मूर्तेय नमः। पौष मास शुक्ल पक्ष द्वादश्यायां तिथौ शुक्रवासरे दिनांक 14 जनवरी 2022 मक्करे सूर्य: 35.16 अर्थात रात 8:49 मिनट पर समासमतारकं पर 20 वा 40 घटेय: पुर्णिया: पर दिने सूर्य उदय उपरांत संक्रांति जनेय पुण्य काल:।
अर्थात दिनांक 14 जनवरी 2022 को यानी शुक्रवार को रात्रि 8:49 पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए दिनांक 15 जनवरी 2022 को शनिवार को सूर्योदय उपरांत पुण्य काल होगा। इसलिए, दिनांक 15 जनवरी 2022 को ही मकर संक्रांति अर्थात खिचड़ी का त्यौहार मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति किसे कहते है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना ही मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति हिंदू धर्म का ही एक त्यौहार है जो कि हिंदू धर्म के सभी लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। असल में सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को ही मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति में मकर शब्द मकर राशि को दर्शाता है, इसलिए सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते है। इस विस्थापन को ही संक्रांति कहते हैं।
यह कैसे मनाया जाता है?
लोग अपने-अपने मान्यताओं के अनुसार कही पतंग उत्सव, कहीं पोंगल खिचड़ी तो मकर संक्रांति के ही नाम से अपना अपना त्योहार मनाते है। सूर्य पूजा के नाम से भी यह त्यौहार विख्यात है।
इसे लेकर क्या है मान्यताएं?
सनातन धर्म के अनुसार भगवान सूर्य को अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए उनके घर स्वयं जाते है। ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं और भगवान सूर्य के द्वारा प्रवेश मात्र से ही शनि की सारी शक्तियां दुर्बल हो जाती है और विशेषकर इस दिन सूर्य पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
इस दिन क्या करना चाहिए?
इस दिन ब्रह्म मुहुर्त में नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान आदि कर सूर्य पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। साथ ही साथ इस दिन काले तिल के लड्डू और चावल तथा गुड़ के दान का विशेष महत्व बताया गया है।