माँझी (बिहार) संवाददाता राजीव सिंह: आज कृषि विज्ञान केंद मांझी में किसान दिवस का आयोजन किया गया, ज्ञात हो कि आज का दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री श्री चौधरी चरण सिंह के कृषि क्षेत्र में दिए गए योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य में वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने किसानों का सहृदय स्वागत करते हुए आने वाले समय के हिसाब से स्वयं को एवं कृषि को आधुनिकता की तरफ ले जाने की अपील करी। डॉ अभय सिंह ने बताया कि वर्ष भर कृषि विज्ञान केंद्र में पशुपालन, कृषि, मत्स्य, उद्यानिकी, कृषि अभियांत्रिकी, मृदा एवं विभिन्न विषयों पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए तत्पर रहती है। साथ में उन्होंने आने वाले वर्ष में और ध्यान केंद्रित करने हेतु कई बिंदु सुझाए।
डॉ सुरेंद्र प्रसाद, कीट वैज्ञानिक ने दिनकर की कविता सुनाकर किसानी से विमुख होते किसानों व युवाओं का अत्याधुनिक लाभ की खेती करने का आह्वाहन किया। नई तकनीकों के साथ साथ पूरानी कीट प्रबंधन विधियों का अच्छा समिश्रण करके ही खेती को सफल बनाया जा सकता है । बदलते मौसम में या देरी से लगी हुई रबी की सफल के विभिन्न रोगों के बचाव हेतु सुझाव दिए जैसे सरसों में लाई का प्रकोप, आम के मंजर में मधुआ कीट का प्रकोप, गेंहू में कीट व रोग प्रबंधन फिर नियंत्रण, अधिक नमी वाले खेत में दलहनी फसल के सूखने की समस्या का निदान आदि
हिंदुस्तान समाचार पत्र से जुड़े पत्रकार श्री मनोज सिंह ने किसानों के कई तरह के मुद्दे सामने लाये, एवं परंपरागत खेती से उपकरणों सहित खेती के सभी लाभ हानि के बारे में बताया।
डॉ कन्हैया रेगर ने बताया - इन दिनों में अत्यधिक चर्चा में रहे प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तार से बताया, रासायनों के ऊपर अत्यधिक निर्भरता को कम करने के उपाय बताए। गोबर की खाद का एवं अन्य जैविक उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करें। उसी प्रकार खेत की वास्तविक उर्वरक्ता पता करने के लिए मिट्टी के नमूने को लेना एवम उसके नतीजे के अनुसार की उर्वरकों की अनुशंसा लेनी चाहिए। इसी क्रम में उपस्थित किसानों के बीच तुलसी, मिर्च, अजवाइन, का पौधा वितरण भी किया है।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ पंकज कुमार ने किया । इस क्रम में उन्होंने भी ठंड के मौसम में मत्स्य आहार व रोग प्रबंधन के बारे में संक्षिप्त में बताया।
कार्यक्रम के अंत मे सौरभ पटेल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस आयोजन में वैज्ञानिक व कर्मचारी- , तनुजा जकारिया तथा डॉ विजय कुमार भी उपस्थित थे।