नही रहे शिक्षकों के चहेते शिक्षक बैकुंठ सिंह
शिक्षक की हुई हृदयाघात से मृत्यु
शिक्षाविदों की श्रेणी में अपूर्ण क्षति
सिसवन (बिहार) संवाददाता अखिलेश्वर कुमार: आज गुरुवार सुबह सिसवन प्रखंड के शिक्षकों का मन दुख से भर गया जब अचानक सूचना मिली कि उनके चहेते शिक्षक बैकुंठ सिंह अब नही रहे। शिक्षक मिथिलेश राम ने बताया कि स्व0 बैकुंठ सिंह सिसवन प्रखण्ड के सरउत गांव के रहने वाले थे। वे लगभग 65 वर्ष के थे। अचानक उनके मृत्यु के खबर से हम सभी हतप्रत है।
बताया जाता है कि वे बहुत ही अनुभवी मिलनसार एवं सबका सहयोग करने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक थे। उनकी हृदयाघात से आज सुबह मृत्यु हो गई। शिक्षा में इनकी कमी की क्षतिपूर्ति नही की जा सकती।
मध्य विद्यालय बघौना के शिक्षकों ने बताया कि इनकी मृत्यु एक अपूरणीय क्षति है। पूरे शिक्षक समाज के लिए वे मार्गदर्शक थे। वे हमेशा वरीय पदाधिकारियों के साथ मिलकर, शिक्षकों के समस्याओं का समाधान भी करते थे या समाधान के लिए सुझाव देते थे। सेवानिवृति के बाद भी वे हमेशा प्रखंड कार्यालय में आते थे और अपना सुझाव दे कर शिक्षकों का मार्गदर्शन करते थे। उनकी इस कार्य के लिए भी शिक्षक समाज उन्हें सदैव याद रखेगा। सिसवन प्रखण्ड के सभी विद्यालयों में उनके पवित्र आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रख कर शोक मनाया गया।