विद्यालयों व आंगनबाड़ी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए सामुदायिक केंद्र से टीम रवाना
मशरक (बिहार) संवाददाता धर्मेन्द्र सिंह: मशरक प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी व सरकारी विद्यालय खुल चुके है, जिले से मिले आदेश के आलोक में मशरक के चिकित्सा पादाधिकारी डॉ.गोपाल कृष्ण के आदेशानुसार आज सीएचसी परिसर से दो टीम को डयूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार ने प्रखण्ड के अलग अलग क्षेत्रो में रवाना किया। टीम के रवानगी के समय मौके पर डॉ. राजेश कुमार, डॉ. मनोरंजन सिंह, डॉ. आशिफ़ इकवाल, स्वास्थ्य प्रबंधक परवेज राजा, प्रखंड स्वास्थ्य मूल्यांकन पादाधिकारी प्रियांशु प्रकाश, संजय कुमार, प्रतिमा कुमारी समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे। दोनों टीमें आंगनबाड़ी केंद्रों व विद्यालयों में पहुंचेगी और बच्चों की स्क्रिनिग करेगी। जब सर्दी खांसी व बुखार जैसे सामान्य बीमारी होगी तब तुरंत बच्चों को दवा दिया जाएगा, लेकिन बीमारी गंभीर होगी तब उसे आवश्यक जांच एवं इलाज के लिए मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाएगा। टीम में शामिल एएनएम बच्चों के वजन, उनकी ऊँचाई, सिर की परिधि, बाहर की मोटाई की माप तौल करेगी। फार्मासिस्ट रजिस्टर में स्क्रिनिग किये गए बच्चों से संबंधित बातों को ऑन द स्पॉट क्रमबद्ध अंकित करेंगे। आरबीएस के चलंत चिकित्सा दलों द्वारा स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की 45 तरह की बीमारियों का स्क्रिनिग किया जाता है। साथ ही इसे बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए रेफर भी किया जाता है। आशा को एचबीएस पर पाँच जन्मजात विकृतियो को चिन्हित कर आरबीएस के टीम को सूचित करने का टास्क दिया जाता है। मौके पर डॉ. मनोरंजन सिंह डॉ. आशिफ़ इकवाल ने बताया कि आरबीएस के कार्यक्रम मे शुन्य से 18 वर्ष तक के सभी बच्चों को स्क्रिनिग का समुचित इलाज किया जाता है। शून्य से 6 वर्ष के बच्चों की स्क्रिनिग आंगनबाड़ी केंद्रों में होती है जबकि 6 से 18 साल तक के बच्चों की स्क्रिनिग उनके स्कूलों में जाकर की जाती है, ताकि चिन्हित बीमारियों के समुचित इलाज में देरी न हो। आंगनबाड़ी केंद्रों में साल में दो बार छः-छः माह पर सिर्फ एक बार बच्चों के इलाज के लिए स्क्रिनिग की जाती है।स्क्रिनिग करने के बाद बच्चों को हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया जाता है।