भाकियू के प्रेस कान्फ्रेन्स में रोटी कपड़ा और मकान के हक की लड़ाई का लिया गया शपथ
दाउदपुर(संवाददाता राजीव सिंह): बिहार झारखंड के भाकियू लोकशक्ति के प्रवक्ता सह राष्ट्रीय महासचिव शैलेश कुमार गिरी रविवार को छपरा जिले के दाउदपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि विगत साढ़े तीन बर्षो से दोनों राज्य के किसानों का नेतृत्व किया। आज बहुत हर्ष के साथ मैं कहना चाहता हूं कि हमने भाकियू लोक शक्ति से शनिवार की देर रात संगठन से इस्तीफा देकर पुनः भाकियू भानु में बिहार झारखंड बंगाल कर राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता सह राष्ट्रीय महासचिव पदभार ग्रहण कर लिया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह के द्वारा पत्र जारी कर प्रभार को सौंपा दिया गया। जानकारी के अनुसार शैलेश कुमार गिरी सारण जिले के प्रखण्ड जलालपुर के मानपुर गांव के स्थानीय निवासी है। उन्होंने ने कहा कि मैं इसी राज्य की मिट्टी मे पलाबड़ा हूँ। यहाँ के समूचे किसान भाइयों की समस्या से अवगत भी हूँ और पीड़ित भी हूँ। मेरे संकल्प में किसानों के उत्थान और समुचित खेती से संबंधित समस्याओं को हल करना है। इसके लिए देश प्रदेश में लड़ाई भी जारी हो चुकी है। बिहार झारखंड सहित पूरे देश के किसान व मजदूर के साथ युवा पीढ़ी के भी सर्वांगीण विकास के लिए गंभीर चिंतन मनन करता रहूंगा और इसे अंजाम तक पहुंचाते हुए सही दशा-दिशा देने का कार्य भी करता रहूंगा। क्योंकि भारत विश्व में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक व कृषि प्रधान देश है। फिर भी हमारा प्रदेश अत्यंत पिछड़ा और गरीब देशों के श्रेणी में आता है।जगजरिहर है बीते 7 दशकों से देश के नेताओ व व्यवस्थाओं ने किसान को छलने काम किया है। अब वक्त आ गया है। मैं किसानों के मेहनत और कठिन तपस्या को टूटने नही दूंगा। भारत की आत्मा और रीढ़ की हड्डी अन्नदाता किसान, श्रमदाता मजदूर और कर्णधार - भविष्य नींवदाता युवा पीढ़ी है। ये हमारे देश के लिए आन - बान - शान और विकास का आधार है।
लगभग 75% आबादी गांवों में ही निवास करती है। अतः ये भी नि:संदेश कहा जा सकता है कि देश के विकास का रास्ता गांव के गली कूंचों से ही होकर निकलेगा। अतः इन तीनों रत्न किसान, मजदूर और युवा को बड़े ही सरल तरीके से संभालने की आवश्यकता है। क्योंकि मूलभूत तीन आवश्यकताओं रोटी, कपड़ा और मकान देने में कहीं न कहीं इन तीनों की बड़ी भूमिका है। इनसे आम जन से लेकर खास जन तक अछुता नहीं रह सकता.
इसी कड़ी में आज उत्तर प्रदेश में एक किसान महापंचायत पूर्व से कार्यरत भी है। इस विशाल महापंचायत में मुख्य मांगे है:
"किसान आयोग का गठन"
"बकाया गन्ने का भुगतान"
"किसानों का कर्जा माफ"
"किसान के ट्यूबवेल का बिल माफ"
इस तरह किसानों से संबंधित अनेकों मांगों को लेकर इस महापंचायत का आयोजन किया गया है। आज मैं बिहार के साथ साथ झारखंड और बंगाल की जनता के लिए भी यूपी के भांति इन राज्यो के सरकार से मांग करता हूं । इमलिया में उतर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और उत्तर प्रदेश के कृषिमंत्री सूर्यप्रताप शाही जिनके साथ केंद्र और राज्य का प्रतिनिधि मंडल ने रविवार को किसानों की मांग लागू किया गया वे निम्न है
1. कृषि समवृद्ध आयोग लागू किया गया
2. किसानों के समस्त कर्ज और
3. 60 वर्ष के किसानों के लिए 10000 मासिक पेंशन
इसके लिए राज्य प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से केंद्र को भेजा गया। एक माह के अंदर सकारात्मक निर्णय लेने का विश्वास दिया गया है।
उक्त बैठक में उपस्थित शैलेश कुमार गिरी ने बताया कि उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा किसान हित मे किये गए घोषणाओं का धन्यवाद करता हूँ। इस अवसर पर सारण श्रमिक के जदयु जिलाध्यक्ष जमील अहमद को भाकियू भानु के बिहार प्रदेश के जिला उपाध्यक्ष सह सारण प्रमंडल अध्यक्ष मनोनीत किया गया।इस मौके पर चंद्रिका राय , मुक्तिनाथ यादव, रामजी सिंह, विश्वकर्मा शर्मा आदि गणमान्य लोग मौजूद थे।