पटना बिहार: शिक्षकों का जिसका बेसब्री से इंतजार था जो घड़ी आ गयी। ये मजाक है या हकीकत कुछ कहा नही जा सकता। कुछ शिक्षक जो निश्चिंत थे कि उनका नाम नही हो सकता निगरानी विभाग को उनकी बेचैनी कुछ शिक्षकों ने ही बढ़ा दी फोन कर के जब देखा नाम उनका भी लिस्ट में । आज वेब पोर्टल पर सूची उपलब्ध हो गया है। शिक्षक अब देख सकते हैं। अभी वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा नहीं हुई है। परंतु शिक्षक सूची जिला वार बिना रजिस्ट्रेशन के ही देख सकते हैं। सूची जिला चयन के बाद प्रखंड चयन के बाद विद्यालय वार उपलब्ध है।
नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करने के बाद जो पेज खुलेगा उसमें "नियोजित शिक्षकों के विवरण देखें " पर क्लिक करने के बाद एक नया पेज खुलेगा। वहां जिला का चयन करेंगे फिर अपने प्रखंड का चयन करेंगे फिर आप अपने विद्यालय का चयन करेंगे। इसके पश्चात view बटन पर क्लिक करेंगे। आपके विद्यालय की सूची आपके सामने होगी। अब आप खुद से देख पाएंगे कि आपका भी नाम कहीं उन 88 हजार शिक्षको में तो नही है जिनका प्रमाण पत्र अभी तक जमा नहीं किया गया है। 2006 से 2015 तक बिहार मे बहाल शिक्षक ध्यान दे. जिन लोगों ने अभी तक अपना डॉक्यूमेंट जमा नहीं किया वो अपना डॉक्यूमेंट निचे दिए गए वेबसाइट पर जाकर तय तिथि के अंदर जमा कर दे अन्यथा आपकी सेवा समाप्त की जाएंगी और आपके द्वारा प्राप्त वेतनमान की वसूली भी की जाएंगी।
यदि आप का भी नाम है तो देखें क्या क्या अपलोड करना है।
प्रमाण पत्र जो अपलोड करना है
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1.मैट्रिक अंक पत्र एवम प्रमाण पत्र
2.इंटर अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र
3.स्नातक अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र
4.शिक्षक प्रशिक्षण अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र
5.दक्षता अथवा टीईटी उत्तीर्णता प्रमाण पत्र
6.अनुभव प्रमाण पत्र (20 प्रतिशत वेटेज हेतु)
7.मेधा सूची
8.नियुक्ति पत्र
9.जाति प्रमाण पत्र
10.आवासीय प्रमाण पत्र
नोट:इन सभी कागजो का स्कैन कॉपी के पीडीएफ अपलोड करना है।
अपलोड करने का अंतिम तिथि : 21 जुलाई 2021
मेधा सूची को प्राप्त करने के लिए शिक्षक संघो का क्या है राय
शिक्षकों ऐसे मिलेगा मेधासुची
साथियों जैसा कि सभी को मालूम हो गया है कि शिक्षा विभाग द्वारा वेब पोर्टल के माध्यम से वैसे शिक्षकों की बड़ी सँख्या में सूची प्रकाशित कर दी गई है जिनका फोल्डर निगरानी को अप्राप्त है। साथ ही विभाग ने 21 जुलाई तक सभी दस्तावेज शिक्षकों को ऑनलाइन अपलोड करने का फरमान दिया है अब इसमें सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों को मेधासूची उपलब्ध करने की है।
ऐसी स्थिति में एक सलाह है कि सभी लोग तुरन्त अपने नियोजन इकाई के नाम एक RTI(सूचना का अधिकार ) आवेदन लगाकर मेधासूची की माँग करें। अब होगा कि दो-चार दिनों के अंदर ही एक साथ बड़े पैमाने पर संबंधित नियोजन इकाई के पास सैकड़ों आवेदन प्राप्त हो जाएंगे अब पुनः नियोजन इकाई के कार्यपालक अधिकारी यथा प्रखंड विकास पदाधिकारी उप विकास आयुक्त नगर कार्यपालक पदाधिकारी आदि तुरंत सभी आवेदनों को संबंधित शिक्षा विभाग के कार्यालय में भेजेंगे अथवा अपने कार्यालय के अधीन नियोजन से संबंधित काम को देखने वाले कर्मी के समक्ष प्रेषित कर मेधा सूची की उपलब्धता करवाना सुनिश्चित करेंगे। ऐसी परिस्थिति में तुरंत मेधा सूची उपलब्ध करने के लिए विभाग पर पुनः बड़ा दबाव उत्पन्न हो जाएगा ध्यान रहे आरटीआई का जवाब नहीं देने पर एक आवेदन पर ₹25000 जुर्माना तक का प्रावधान है सोचिए यदि किसी कार्यालय में कम से कम 100 आवेदन भी लग गए तो कितना बड़ा जुर्माना संबंधित नियोजन पदाधिकारी को देना पड़ सकता है वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों के समक्ष मेधा सूची अपलोड नहीं करने की स्थिति में एक आधार होगा कि यदि विभाग शिक्षकों से कोई स्पष्टीकरण या कार्रवाई के लिए पूछेगी तो वो कह पाएंगे चूँकि मेधासुची नियोजन इकाई के पास सुरक्षित होती है इसलिए हमने इसकी माँग RTI से की है जब विभाग उपलब्ध नहीं कराएगी तो शिक्षक क्या करेंगे और यदि कार्रवाई हो तो फिर सम्बंधित नियोजन इकाई पर पहले हो।
कुल मिलाकर संक्षिप्त में अंत मे यही कहा जा सकता है कि जो दस्तावेज विभाग लाख कोशिश के बाद नियोजन इकाई से नहीं ले पाई अंत में थक हार कर वो शिक्षकों के माथे पर डाल दिया है ।