लोकसभा में राजीव प्रताप रूडी ने चुनाव सुधारों पर रखा तथ्यपरक और ओजस्वी भाषण
नई दिल्ली, 10 दिसम्बर 2025
लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान सारण सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने बिहार के चुनावी इतिहास, बूथ लूट, पुनर्मतदान और सुधारों की बदलती तस्वीर को व्यापक और तथ्यपरक रूप में सदन के समक्ष रखा। उन्होंने अपने 40 वर्षों के राजनीतिक और चुनावी अनुभव को साझा करते हुए वर्तमान चुनावी व्यवस्था को भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।
सांसद रूडी ने मतदान प्रक्रिया पर उठाए जा रहे संदेहों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि “उंगली पर लगे मतदान के निशान को चुनौती देना बिहार के करोड़ों मतदाताओं की निष्ठा पर प्रश्न उठाने के समान है।” उन्होंने 1990 से 2004 तक बिहार में चुनावी हिंसा और बूथ लूट की भयावह स्थिति का उदाहरण देते हुए बताया कि 1996 में 133 बूथों पर रिपोल और 33 बूथों पर पुनः रिपोल, 1998 में 5,000 से अधिक बूथों पर पुनर्मतदान और 2004 में छपरा लोकसभा क्षेत्र के सभी 1,157 बूथों पर 100 प्रतिशत मतदान जैसी घटनाएँ भारतीय चुनाव इतिहास में अभूतपूर्व थीं।
सांसद ने बताया कि बिहार में अब तक 6,000 से अधिक लोग चुनाव-संबंधी हिंसा में मारे गए हैं, जो लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुखद और चिंताजनक तथ्य है। 2004 के छपरा लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ लूट के समय पुलिस द्वारा हथियारबंद गिरोहों को संरक्षण दिए जाने जैसे अनुभव भी उन्होंने सदन में साझा किए।
रूडी ने 2024 के चुनाव में बिहार में एक भी बूथ पर पुनर्मतदान न होने को चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए चुनाव सुधारों की ऐतिहासिक सफलता बताया। उन्होंने कहा कि आज बिहार भयमुक्त, पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव का उदाहरण बन चुका है।
सांसद ने विपक्ष द्वारा “अदृश्य मतदाता” के आरोपों को आधारहीन और मतदाताओं के प्रति अपमानजनक बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव भरोसे और जनविश्वास से जीते जाते हैं, न कि भ्रम फैलाकर। साथ ही उन्होंने बिहार में सामाजिक और राजनीतिक समीकरण में आए व्यापक बदलाव पर प्रकाश डाला। फॉरवर्ड, गरीब और सांगा समाज के बीच नई एकता उभरकर सामने आई है।
अंत में रूडी ने सदन से अपील की कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को कमजोर करने वाले बयानों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि “भारत के लोकतंत्र को चोरी बताना देश का अपमान है, और इस प्रकार का प्रचार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुँचाता है।”
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