‘मुखरित मौन’ का भव्य विमोचन: डॉ. कंचन मखीजा की नव काव्य कृति ने साहित्य जगत में जगाई नई चेतना
रोहतक (हरियाणा) संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान, विद्या भारती, हरियाणा द्वारा ‘सप्त शक्ति संगम’ के तत्वाधान में शिक्षा भारती विद्यालय, रामनगर, रोहतक में आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में डॉ. कंचन मखीजा के नव काव्य संग्रह ‘मुखरित मौन’ का भव्य विमोचन किया गया। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि झज्जर की एस.डी.एम. रेणुका जी तथा राष्ट्रीय गीतकार वीरेंद्र मधुर ने संयुक्त रूप से पुस्तक का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम में रोहतक सहित कई शहरों से आए साहित्यकारों एवं रचनाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए इस काव्य कृति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। प्रमुख रूप से बृज बाला गुप्ता, अंजू कपूर गांधी, एकता कोचर रेलन, शशि आहूजा, ममता शर्मा, पवन गहलोत और विपिन गुप्ता कार्यक्रम में उपस्थित रहे और उन्होंने 'मुखरित मौन' के साहित्यिक मूल्य पर अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ. कंचन मखीजा ने अपनी पुस्तक अखिल भारतीय विद्या भारती संस्थान को समर्पित करते हुए बताया कि इस कृति से समाज में नई चेतना, उमंग और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। कार्यक्रम में मौजूद कुछ संगीत शिक्षकों ने पुस्तक में शामिल गीतों की कम्पोज़िशन तैयार करने का प्रस्ताव भी रखा, जिसे उपस्थित कवि-समाज ने सराहा।
विद्यालय की प्राचार्या ममता भोला ने नव दुर्गा स्तोत्र का पाठ कर वातावरण को आध्यात्मिकता से ओतप्रोत कर दिया। वहीं, हांसी से पधारी कवयित्री खुशबू जैन ने डॉ. पूनम वाधवा का संदेश पढ़ते हुए पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत की और कहा कि ‘मुखरित मौन’ गीत-प्रेमियों के हृदय को अवश्य स्पंदित करेगी।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या ममता भोला ने सभी अतिथियों, कवियों और अभिभावकों का हृदय से धन्यवाद किया। इस अवसर पर प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. मधुकांत अनूप बंसल ने भी डॉ. कंचन मखीजा को शुभकामनाएँ देते हुए उनके साहित्यिक योगदान की सराहना की।

