नवजातों की जीवन-रेखा मजबूत करने की मुहिम: 15–21 नवंबर तक चलेगा न्यूबॉर्न वीक अभियान
• नवजात मृत्यु दर घटाने को जिले में एक हफ्ते का विशेष अभियान
• नवजातों को मिलेगा बेहतर जीवन का आधार
• नवजात मृत्यु दर कम करने को विभाग सक्रिय
सारण (बिहार):नवजात शिशुओं की मृत्यु दर घटाने और जन्म के बाद शुरुआती 28 दिन में शिशु सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने 15 से 21 नवम्बर, 2025 के बीच नेशनल न्यूबॉर्न वीक के आयोजन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ् मंत्रालय तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में भी इसी सप्ताह नवजात सुरक्षा पर विशेष गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। नेशनल न्यूबॉर्न वीक जैसे अभियान न केवल जागरूकता बढ़ाते हैं बल्कि माताओं और परिवारों को सुरक्षित नवजात देखभाल की दिशा में प्रेरित करते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने आशा और एएनएम की टीमों को सक्रिय करते हुए लक्ष्य रखा है कि इस सप्ताह जिले में अधिक से अधिक परिवारों तक सही जानकारी पहुँचे और नवजात मृत्यु दर को कम करने में जिले की स्थिति और बेहतर हो। इस वर्ष स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा न्यूबॉर्न वीक की थीम “Newborn Safety: Every Touch, Every Time, Every Baby” निर्धारित की गई है।
क्यों जरूरी है नवजात सुरक्षा?
नवजात अवस्था (जन्म के बाद पहले 28 दिन) को शिशु के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। इस अवधि में—संक्रमण, तापमान असंतुलन, समय से पहले जन्म, स्तनपान की कमी, साँस संबंधी समस्याएँ जैसे जोखिम सबसे ज्यादा होते हैं। इसी कारण यह सप्ताह परिवारों को जागरूक करने का महत्वपूर्ण अवसर बनता है।
लक्ष्य: नवजात मृत्यु दर में कमी
एसआरएस-2023 (Sample Registration System) के अनुसार प्रदेश की वर्तमान नवजात मृत्यु दर 18 प्रति 1000 जीवित जन्म है। सतत विकास लक्ष्य (SDG) के तहत इसे 2030 तक 12 प्रति 1000 तक लाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग व जिला स्वास्थ्य इकाइयों की ओर से कई स्तरों पर गहन प्रयास चल रहे हैं। जिले में कार्यरत सहयोगी संस्थाओं को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा ताकि गतिविधियों का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके। विभाग का लक्ष्य है कि अधिकाधिक माताओं तक जागरूकता पहुंचे और नवजात मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सके।
जच्चा-बच्चा के लिए विशेष अभियान
नेशनल न्यूबॉर्न वीक को सफल बनाने में आशा वर्कर्स की अहम भूमिका तय की गई है।
वे नवजात के जन्म के बाद घर-घर जाकर शिशु का तापमान, स्तनपान की स्थिति, संक्रमण के लक्षण, वजन, जच्चा की सेहत की रिपोर्ट तैयार करेंगी। जरूरत पड़ने पर वे त्वरित उपचार या रेफरल के लिए परिवार को स्वास्थ्य केंद्र जाने की सलाह भी दे रही हैं।
इन बातों का रखें ध्यान:
• शिशु को ठंड से बचाएँ, गर्म कपड़े पहनाएँ
• कमरे में साफ हवा रहे, धुआँ या प्रदूषण न हो
• जच्चा-बच्चा कम से कम 7–10 दिन घर से बाहर न निकले
• छोटे बच्चों को नवजात से कम संपर्क में रखें
• स्तनपान शुरुआत के एक घंटे के भीतर शुरू करें
• शिशु को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह धोएँ
• नवजात के कपड़े, बिस्तर हमेशा सूखे रहें
• किसी भी तरह के लक्षण—तेजी से साँस लेना, बुखार, सुस्ती, स्तनपान में कमी—दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ

