🌧️ मनभावन सावन 🌧️
✍️बिजेंद्र कुमार तिवारी (बिजेंद्र बाबू)
सरस सुहावन पावन सखी, मनभावन सावन मास।
रिमझिम बदरा नेह जगाकर, देत सुखद एहसास।।
ताल तलैया निर्झर नदियाँ, हरे भरे मैदान।
हरियाली हर ओर सजी है, सुरमयी लगे जहान।।
धरती के श्रृंगार फसल अब हरे भरे लहराये।
खुशी बिखेरे मस्त हवायें, सुरमयी राग सुनाये।।
तपिश मिटी धरती का अब, बादल अमृत बरसाये।
हरियाली हर ओर सजी है, सखियाँ कजरी गाये।।
पहन गेरुआ बम-बम करते काँवरियों का शोर ।
देशों दिशायें शिव-शिव गायें, साँझ सबेरे भोर।।
नागपंचमी राखी जैसे, लाया पर्व त्यौहार।
इस सुरमयी सुखमय बेला में, झूमे सब संसार।।
श्रद्धा स्नेह जगाओ जग में, जगे आत्मविश्वास।
सृष्टि के कण कण में फैले, केवल निर्मल प्यार।।
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✍️बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू)
गैरतपुर, मांझी सारण, बिहार मोब० 7250299200