आदर्श विद्या मंदिर, सिरोही में शिक्षक सम्मान समारोह में बोले रामद्वारा आश्रम के गादीपति
"बच्चों की प्रथम गुरु उनकी माता होती हैं" — महंत भजनाराम
सिरोही (राजस्थान) आदर्श विद्या मंदिर प्रांगण में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में रामद्वारा आश्रम के गादीपति महंत श्री श्री 1008 भजनाराम जी महाराज ने कहा कि बच्चों की पहली गुरु उनकी मां होती हैं। मां द्वारा दिए गए संस्कार ही जीवनभर बच्चों के साथ रहते हैं और यही संस्कार उन्हें एक सच्चा नागरिक व चरित्रवान व्यक्ति बनाते हैं।
महंत भजनाराम ने कहा कि गुरु हमेशा अपने शिष्यों को ऐसा बनाता है कि वे समाज में उत्कृष्ट कार्य करें और अपने परिवार, समाज व राष्ट्र का नाम रोशन करें। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि यदि वे अपने बच्चों को वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप जैसे साहसी और विवेकानंद जैसे ज्ञानी बनाना चाहते हैं, तो उन्हें आदर्श विद्या मंदिर जैसे विद्यालयों में शिक्षा दिलाएं, जहां शिक्षा के साथ संस्कार, त्याग, राष्ट्रप्रेम और तेज का भी विकास होता है।
उन्होंने गुरुजनों से भी अपील की कि वे शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को ऐसी सीख दें जिससे उनमें देशभक्ति की भावना, मधुर व्यवहार और सनातन संस्कृति के प्रति सम्मान जागे। महंत ने कहा कि जब तक बच्चों को सही संस्कार नहीं मिलेंगे, वे अपने जीवन को अमूल्य नहीं बना पाएंगे। इसके लिए उन्हें वेदों की शिक्षा, गायत्री मंत्र का नियमित जाप और अपने माता-पिता से संवाद करना आवश्यक है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे अर्जुन ने अपने गुरु द्रोणाचार्य की आज्ञा से विद्या पाई और सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर बने, वैसे ही आज के छात्रों को भी अपने गुरुजनों से प्रेरणा लेनी चाहिए और अर्जुन की तरह समर्पित होकर ज्ञान अर्जित करना चाहिए।
इस मौके पर प्रांत प्रमुख रवि जी भाई साहब, शंकरलाल पटेल साहब, लाखाराम जी भाई साहब सहित जिले के कई वरिष्ठ गुरुजन उपस्थित थे और उनके सान्निध्य में कार्यक्रम भव्य रूप से संपन्न हुआ।