चाय की चुस्की
✍️ मुन्ना राम मेघवाल
जब होती हमें थकान है,
याद आती तुरन्त चाय है।
सुबह सुबह उठते ही हमारी,
चाय के साथ होती शुरूआत है।।
जहाँ पर हम काम पर जाते,
पुछते कितनी बार मिलती चाय है।
जब भी अतिरिक्त काम हो करना,
शीघ्र चाय का फरमान सुनाते।।
मन्नू चाय एक नशा है या,
यह नशे की जड़ है सारी।
यह घर की बर्बादी है या,
आज बर्बादी का घर है ।।
चाय की चुस्की संग बात होती,
चाय के संग संग सदा काम।
प्याली चाय की दिखते ही,
मन्नू मिलता हमे आराम है ।।
सदा वर्ल्डकप से अधिक हमारी,
मन्नू चाय के कप पर नजर है।
अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस की,
आपको बहुत बहुत बधाई है।।
✍️मुन्ना राम मेघवाल।
कोलिया,डीडवाना,राजस्थान।
Bhatimunnaram921@gmail.com