गौग्राम जनजागरण यात्रा के सहयोगियों का श्रम परिहार व सम्मान समारोह संपन्न
गौसेवा को समर्पित कार्यकर्ताओं का हुआ भावपूर्ण अभिनंदन
संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी
नई दिल्ली/चांपा: गौग्राम जनजागरण यात्रा 2025 की ऐतिहासिक सफलता में सहयोग देने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं के सम्मान में एक भावपूर्ण श्रम परिहार एवं सम्मान समारोह का आयोजन चांपा स्थित कुष्ठ आश्रम परिसर में संपन्न हुआ। इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह श्री चंद्रशेखर देवांगन, वरिष्ठ प्रचारक श्री सुधीर देव, कुष्ठ आश्रम अध्यक्ष श्री लक्ष्मीनारायण सोनी तथा प्रचारक श्री लोमसराम साहू विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत यात्रा प्रमुख श्री रामप्रकाश केशरवानी और सहसंयोजक श्री घनश्याम तिवारी ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि ग्राम्य जीवन, गौसंस्कृति और भारतीय चेतना के पुनर्जागरण की यात्रा थी। श्री तिवारी ने कहा, "इस यात्रा में तन-मन-धन से सेवा करने वाले साथियों का योगदान चिरस्मरणीय है।"
सम्मानित कार्यकर्ताओं में 23 प्रमुख गौसेवकों को तिलक, अंगवस्त्र एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। इनमें श्री रामकुमार श्रीवास, श्री गजाधर श्रीवास, श्री अजय सराफ, श्री थैलेश तिवारी, श्री बुद्धेश्वर केशरवानी, श्री शिव जायसवाल, श्री नरोत्तम पटेल, श्री मुरारी राठौर, श्री रघुनंदन पटेल, श्री शेखर चंद्रा, श्री सुनील अवस्थी, श्री लोकेश शुक्ला, श्री देवकुमार तिवारी, श्री राहुल थवाईत, श्री योगेश शर्मा, श्री गगन जयपुरिया, श्री सोनू जायसवाल, श्री महादेव नेताम, श्री राजकुमार पटेल, श्री नरेंद्र जायसवाल, श्री ललित देवांगन, श्री आशीष तिवारी व श्री सरोज जी शामिल थे।
इन सभी ने यात्रा के संचालन, प्रचार-प्रसार, रात्रि विश्राम, भोजन व्यवस्था और गौआराधना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये सहयोगी शिवरीनारायण, करनौद, बम्हनीडीह, लखुर्री, चांपा, पिपरदा, अफरीद, सोठी, केरा, घिवरा, सोनडीह, जांजगीर और मोहतरा जैसे विभिन्न गांवों से थे।
प्रचारक श्री लोमसराम साहू ने कहा, “गौग्राम जनजागरण यात्रा न केवल ग्रामीण चेतना का जागरण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक आत्मा को स्पर्श करने का एक यज्ञ है।” उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को संघ की ओर से साधुवाद भी दिया।
कार्यक्रम के उपरांत अतिथियों और कार्यकर्ताओं ने कुष्ठ आश्रम परिसर स्थित गौशाला का भ्रमण किया। यहां गौसेवा, गोबर उत्पाद, जैविक खेती और पंचगव्य पर आधारित प्रयासों को देखकर सभी प्रेरित हुए। यह भ्रमण आत्मनिर्भर गौग्राम की परिकल्पना का जीवंत दर्शन रहा।
समारोह का समापन श्री घनश्याम तिवारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि यह केवल श्रम परिहार नहीं, बल्कि एक भावनात्मक पूर्णाहुति है—गौसंस्कृति के प्रति समर्पण का उत्सव। कार्यक्रम में ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक के अनेक गणमान्य नागरिक, कार्यकर्ता और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।