स्वर्णिम सफर का जश्न: धूमधाम से मनाई गई ज्ञानती देवी और विजय सिंह की 50वीं शादी की वर्षगांठ!
सांस्कृतिक कार्यक्रम बने आकर्षण का केंद्र!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: समर्पण, विश्वास और प्रेम के 50 वर्ष पूरे करने का ऐतिहासिक क्षण माँझी प्रखंड के ताजपुर पंचायत में भव्य आयोजन के साथ मनाया गया। पूर्व मुखिया ज्ञानती देवी और उनके प्रतिनिधि विजय सिंह की स्वर्ण जयंती शादी की वर्षगांठ पर गाँव से लेकर शहर तक के लोगों ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर को अविस्मरणीय बना दिया।
यह आयोजन केवल एक समारोह नहीं था, बल्कि दो आत्माओं के अटूट बंधन की कहानी का उत्सव था। जीवन के हर उतार-चढ़ाव में एक-दूसरे का साथ निभाते हुए ज्ञानती देवी और विजय सिंह ने समाज के सामने प्रेम, धैर्य और सेवा का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर पटना, कोलकाता और आसपास के जिलों से सैकड़ों रिश्तेदार, मित्र और शुभचिंतक ताजपुर पहुँचे। हर चेहरा खुशी और सम्मान से दमक रहा था। पूरे वातावरण में भावनाओं की मिठास और रिश्तों की गर्माहट महसूस हो रही थी।
कार्यक्रम का शुभारंभ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुआ, जिसमें बच्चों और कलाकारों ने मनमोहक नृत्य और गीतों के माध्यम से ज्ञानती देवी और विजय सिंह के जीवन यात्रा को चित्रित किया। संगीतमय शाम ने हर दिल को छू लिया।
50 वर्षों के इस सुंदर सफर को चिह्नित करते हुए, एक भव्य केक काटा गया। केक काटने के दौरान उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट और शुभकामनाओं की वर्षा से पूरा वातावरण गूँजा दिया। इस अवसर पर विजय सिंह ने कहा,
"यह दिन हमारे जीवन का सबसे सुंदर पड़ाव है। हमने हमेशा साथ जीने और समाज की सेवा करने का सपना देखा था, और आज जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो संतोष होता है कि हम अपने मूल्यों पर खरे उतरे।"
कार्यक्रम में छपरा के पूर्व विधायक रणधीर सिंह, व्रजेन्द्र कुमार सिंह उर्फ भवानी मुन्ना, प्रोफेसर ओम सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, निरंजन सिंह समेत तमाम गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से समारोह की गरिमा बढ़ाई। सभी अतिथियों ने दंपति को आशीर्वाद देते हुए उनके दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना की।
यह आयोजन केवल एक वर्षगांठ नहीं था, बल्कि प्रेम, सम्मान और सामाजिक एकजुटता का अद्भुत प्रतीक बन गया। सभी ने संकल्प लिया कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से समाज में रिश्तों की मजबूती और सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया जाएगा।
समारोह के समापन पर भोज का आयोजन हुआ, जिसमें सभी ने साथ बैठकर प्रेमपूर्वक भोजन किया और इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बना दिया।