सुरक्षित मातृत्व और एईएस/जेई को लेकर पांच प्रखंडों के अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित!
नियमित टीकाकरण अंतर्गत जेई 01 एवं जेई 02 टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण को लेकर आयोजित समीक्षात्मक बैठक आयोजित!
सिवान (बिहार): जापानी इंसेफलायटिस रोग के संक्रमण से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका इसका टीकाकरण कराना है। जिसको लेकर जिले के 9 माह से 2 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों को जेई का दो टीका नियत अंतराल पर दिया जाता है। उक्त बातें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार ने कार्यालय के सभागार में यूनिसेफ से सहयोग समीक्षात्मक बैठक के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि विगत दिनों राज्य स्तरीय समीक्षात्मक बैठक के दौरान टीकाकारण को शत प्रतिशत पूरा करने के लिए आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया था। क्योंकि
जिले में एईएस/चमकी बुखार के संभावित संक्रमण को देखते हुए जेई टीकाकरण के स्तर को सुदृढ़ किये जाने की आवश्यकता है। जेई टीकाकरण के शत प्रतिशत आच्छादन लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर जिलांतर्गत जेई टीका से वंचित छूटे हुये सभी लाभार्थियों को चिन्हित कर आगामी 30 अप्रैल 2025 तक शत प्रतिशत पूरा कराना सुनिश्चित किया जाए।
यूनिसेफ के एसएमसी कामरान अहमद ने बताया कि एईएस/जेई को लेकर समीक्षात्मक बैठक में शामिल जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए बीएमसी से विस्तृत रूप से चर्चा के दौरान तैयारी की समीक्षा की गई। जिसमें टीकाकरण वाले क्षेत्र जहां जेई का टीकाकरण अपेक्षा से कम हुआ है, वहां विशेष रूप से टीकाकरण कराने के लिए आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है।साथ ही यह भी दिशा निर्देश दिया है गया कि स्वास्थ्य विभाग और अन्य सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से शहर से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाकर शत प्रतिशत टीकाकरण कराने के लिए आदेश दिया गया है। हालांकि जेई - 1 के तहत 86916 यानी 96 प्रतिशत टीकाकरण किया गया है। जबकि जेई- 2 के तहत अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच 94 प्रतिशत टीकाकृत किया गया है। हालांकि एक महीने के अंदर शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया है। इस अवसर पर डी आई ओ डॉ अरविंद कुमार, आईडीएसपी के डॉ विकाश कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी कामरान अहमद और अशोक कुमार शर्मा पप्पू सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
मैरवा रेफरल अस्पताल में सुरक्षित मातृत्व और एईएस/जेई को लेकर पांच प्रखंडों के अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित:
वहीं दूसरी ओर जिले के मैरवा रेफरल अस्पताल के सभागार में सुरक्षित मातृत्व और एईएस/जेई को लेकर पांच प्रखंड यथा - नौतन, दरौली, गुठनी, जिरादेई और मैरवा स्वास्थ्य संस्थान सहित आईसीडीएस, जीविका, बीएचएम, बीसीएम के अलावा जिला विक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ स्थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रवि प्रकाश के अध्यक्षता में चमकी बुखार से बचाव और सुरक्षित रहने से संबंधित डीवीबीडीसीओ डॉ ओपी लाल, डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, वीडीसीओ कुंदन कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी राजेश कुमार तिवारी और अमितेश कुमार के द्वारा संयुक्त रूप प्रशिक्षित किया गया। जबकि इस अवसर पर उक्त पांचों स्वास्थ्य केंद्रों के एमओआईसी, आईसीडीएस की ओर से महिला पर्यवेक्षिका, जीविका के बीपीएम और शिक्षा विभाग की ओर से बीआरपी के अलावा जिला विक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।