बिहार कृषि सेवा प्रशिक्षु को के.वी.के. सारण में प्राकृतिक खेती और केवीके के कार्यों पर 2 दिवसीय हुआ प्रशिक्षण!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: बिहार कृषि सेवा के प्रशिक्षुओं को सारण जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में किसानों को प्राकृतिक खेती और के.वी.के. के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य में कृषि कार्यों को स्थायी और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
प्रशिक्षण के पहले दिन,उद्यान विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र चंदोला ने प्रशिक्षुओं को प्राकृतिक खेती की विधियों से अवगत कराया गया, जिसमें जैविक खेती, मल्चिंग, और मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के उपायों पर विशेष ध्यान दिया गया। विशेषज्ञों ने प्रशिक्षुओं को बताया कि कैसे रासायनिक उर्वरकों के बिना भी अच्छी पैदावार हासिल की जा सकती है और साथ ही मिट्टी की सेहत को बनाए रखा जा सकता है।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन, के. वी. के सारण के कार्यों के बारे में बताया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, मांझी के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. संजय कुमार राय ने कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका, किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के तरीके,और कृषि संबंधित नई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही डॉ. जितेन्द्र चंदोला एवं डॉ. विजय कुमार द्वारा प्रशिक्षुओं को कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों योजनाओं का भी व्यावहारिक प्रदर्शन जैसे तकनीकी पार्क, अमरूद की सघन बागवानी आदि को दिखाया गया।
प्रशिक्षण के अंत में, प्रशिक्षुओं को प्राकृतिक खेती और केवीके के कार्यों के संबंध में प्रश्न पूछने का अवसर मिला। कृषि सेवा प्रशिक्षुओं ने इस प्रशिक्षण को अत्यधिक लाभकारी बताया और कहा कि यह उन्हें अपने क्षेत्र में किसानों को बेहतर तरीके से सेवा देने में मदद करेगा।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बिहार में कृषि के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम है,जो आने वाले समय में राज्य के किसानों के लिए लाभकारी साबित होगा। कार्यक्रम में कृषि विभाग के 3 अनुमंडल कृषि पदाधिकारी,1 सहायक निर्देशक एवं 32 प्रखंड कृषि पदाधिकारियो ने भाग लिया। साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र से अमितेश कुमार गौरव, रामा रंजन, राकेश कुमार, उमाशंकर एवं अंकित मिश्रा ने भी अपना सहयोग दिया।