राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान:
खाली पेट में दवा सेवन नही करें, फाइलेरिया परजीवी को मारने में दवा हो रहा है असरदार साबित!
शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने पर लाभार्थियों को हो सकती है थोड़ी परेशानी: जिलाधिकारी
दवा सेवन के बाद अगर उल्टी, चक्कर, पेट और सिर में दर्द सहित मितली जैसी समस्या आए तो यह शुभ संकेत: सिविल सर्जन
सिवान (बिहार): सिवान जिला सहित राज्य के कई अन्य जिलों में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की शुरुआत हो चुकी है। 10 और 11 फरवरी को जिले के सभी विद्यालयों और विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर बूथ लगाकर बच्चों सहित किशोर और किशोरियों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया गया है। लेकिन आज बूथ का तीसरा दिन यानी गुरुवार के दिन शेष सभी बूथ लगाकर आशा कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दवा खिलाई गई। इस संबंध में जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता का कहना है कि फाइलेरिया बीमारी से ठीक होने के लिए नहीं, बल्कि यह बीमारी न हो इसलिए दवा खाना जरूरी है। हालांकि दवा सेवन करने के बाद थोड़ी बहुत परेशानियां आ सकती हैं लेकिन यह क्षणिक भर के लिए होगा। जबकि दवा सेवन ही हम सभी के लिए लाभकारी हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों और समेकित बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों सहित स्वास्थ्य के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि दवा खिलाने के पहले आशा कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करे की बच्चों ने स्कूल में मिड डे मिल के दौरान भोजन किया है, तत्पश्चात ही बच्चों को दवा खिलाई जाए। साथ ही जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम और बीसीएम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि बूथ स्तर पर कार्यरत आशा कार्यकर्ताओ के पास ओआरएस के पैकेट के साथ ही ADR किट अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
दवा सेवन के बाद अगर उल्टी, चक्कर, पेट और सिर में दर्द सहित मितली जैसी समस्या आए तो यह शुभ संकेत: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि उक्त दिनों में कुछ बच्चों में दवाओं का सेवन करने के बाद थोड़ी सी परेशानी उत्पन्न हुई थी। लेकिन कुछ ही पलो के अंदर सब कुछ सामान्य हो गया। राज्य से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा सभी स्तर पर जागरूक करने में जुटा हुआ है। लोगों को समझाया जा रहा है कि दवा खाने से नहीं, दवाओं के असर से मरने वाले परजीवियों के कारण इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। जिसके कारण लोगों को उल्टी, चक्कर, पेट में दर्द, सिर में दर्द और मितली जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इसके लिए प्रखंड स्तर पर त्वरित उपचार और देखभाल के लिए RRT यानी रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है।
क्योंकि दवा सेवन करने से परजीवी मरते है, जिस कारण उल्टी, चक्कर, सिर दर्द जैसी छोटी- मोटी शिकायते हो सकती है। हालांकि इसको दूसरे रूप में समझा जाए तो यह एक शुभ संकेत है कि दवा फाइलेरिया परजीवी को मारने में असरदार साबित हो रहा है। हालांकि महत्त्वपूर्ण बात यह भी है कि दवा का सेवन खाना खाने के बाद ही करना है। कभी भी खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें।
शरीर में पहले से मौजूद फाइलेरिया के परजीवी होने से आएंगी कुछ परेशानी, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चल रहा है जिसमें फाइलेरिया रोधी दवा (डीईसी व अल्बेंडाजोल) योग्य व्यक्तियों को खिलाई जाती है। फाइलेरिया रोधी दवा गुणवत्ता एवं प्रभाव स्तर पर पूर्णतः सुरक्षित है। दवा सेवन के बाद अगर किसी तरह की शारीरिक शिकायत या परेशानी होती है तो यह स्पष्ट होता है कि शरीर में पहले से फाइलेरिया के परजीवी मौजूद था। जिले की 34 लाख 67 हजार लाभार्थियों में 2 लाख 82 हजार 831 को सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के दौरान दवा सेवन कराया गया है। जिसमें सुकृत्या एप के तहत अभी तक आंदर प्रखंड में 7405, बड़हरिया में 19983, बसंतपुर में 7462, भगवानपुर हाट में 24975, दरौली में 19547, दारौंदा में 7984, गोरेयाकोठी में 46029, गुठनी में 14514, हसनपुरा में 9804, हुसैनगंज में 9422, लकड़ी नबीगंज में 9997, महाराजगंज में 15233, मैरवा में 10424, नौतन में 8875, पचरुखी में 14806, रघुनाथपुर में 23297, सिसवन में 10653, सिवान सदर में 10561, सिवान शहरी क्षेत्र में 4011 जबकि जिरादेई में 7849 लाभार्थियों को स्वास्थ्य विभाग के आशा कार्यकर्ता या अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अपने सामने बूथ लगाकर दवा का सेवन कराया जा चुका हैं।