फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम:
सिफार के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला में जिलेवासियों से दवा खाने के लिए की गई अपील!
फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में दो प्रकार की दवा खिलाई जाएगी: डॉ ओपी लाल
जिलाधिकारी के दिशा- निर्देश और मार्गदर्शन में जिला और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के द्वारा किया जाएगा पर्यवेक्षण: सिविल सर्जन
सिवान (बिहार): सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) राउंड के दौरान प्रथम तीन दिन बूथ स्तर यानी क्षेत्र में मौजूद सरकारी व निजी विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों सहित सार्वजनिक स्थलों में बूथ लगाकर बच्चों, शिक्षक और शिक्षिकाओं सहित अन्य स्कूल के कर्मियों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलानी है। जबकि शेष 14 दिनों तक गृह भ्रमण कर स्वास्थ्य कर्मी या आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा दो तरह की दवा का सेवन अपने सामने ही खिलाना है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) द्वारा आयोजित सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय प्रकोष्ठ में मीडिया कार्यशाला के दौरान उपस्थित मीडियाकर्मियों से कही। उन्होंने यह भी कहा कि एमडीए अभियान के दौरान जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता के दिशा- निर्देश और मार्गदर्शन में जिला और प्रखंड स्तरीय समन्वय कमिटी द्वारा पर्यवेक्षण किया जाना है। जिसमें संबंधित प्रखंड के बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ, एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम, बीएमएनई, वीबीडीएस के अलावा डब्ल्यूएचओ और पीरामल स्वास्थ्य के जिला और प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिदिन पर्यवेक्षण किया जाएगा।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार, डीपीएम विशाल कुमार, डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, वीडीसीओ प्रीति आनंद, विकास कुमार और कुंदन कुमार, सिफार के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, यूनिसेफ के एसएमसी कामरान खान, पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुमार कुंदन, मिथिलेश कुमार पाण्डेय, पूर्णिमा सिंह, केके सेंगर, कृष्ण देव यादव सहित विभागीय अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने कहा कि जिले में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत साल में एक बार फाइलेरिया रोगियों सहित अन्य सभी लोगों को फाइलेरिया जैसी दिव्यांग बनाने वाली बीमारी से बचाव के लिए फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में दो प्रकार की दवा जिसमें अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन कराया जाना है। जबकि अन्य जिलों में एमडीए कार्यक्रम के तहत दो प्रकार की दवा जिसमें अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जानी है। इस दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया कि दवा नहीं खिलाया जाता है। जिले की 39 लाख 85 हजार 60 जनसंख्या है। हालांकि इस अभियान के दौरान जिले में 34 लाख 67 हजार को लक्षित किया गया है। सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। जिसके लिए मीडिया के माध्यम से इस अभियान को जन- सहभागिता में तब्दील कर सफल बनाने में आपसे सहयोग की अपेक्षा है।
मीडिया कार्यशाला में उपस्थित मीडिया के वरीय साथियों द्वारा कार्यशाला के माध्यम से जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा गया कि आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले 17 दिवसीय एमडीए कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य कर्मी या आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। जिसमें आप सभी को बढ़ चढ़ कर भाग लेकर खुद दवा का सेवन तो करना ही है। साथ ही आप अपने परिवार, आसपास या सगे संबंधियों को दवा खाने के लिए प्रेरित भी करेंगे। ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचाव और सुरक्षित रह सकें। जिले के सभी नागरिकों को फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दवा खिलाई जाएगी। दवा खाने के बाद बुखार ,सर दर्द, उल्टी, शरीर में दर्द या उल्टी जैसा होना आम बात भी हो सकती लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि दवा खाने के बाद व्यक्ति के अंदर अगर माइक्रो फाइलेरिया है तो उनके साथ इस तरह की प्रक्रिया होने की संभावना जताई जा सकती है, लेकिन कुछ ही समय के अंतराल पर सब कुछ सामान्य हो जाएगा। दवा खिलाने से पहले या बाद में कुछ सामाजिक तत्वों के द्वारा तरह- तरह की अफवाहें फैलाई जा सकती हैं। लेकिन वैसा कुछ होता नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दो वर्ष से कम एवं गर्भवती महिलाओं के अलावा गंभीर रूप से ग्रसित बीमारी वाले व्यक्ति या महिलाओं को दवा नहीं खिलानी है।