राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम:
त्रिस्तरीय यथा - जिला, प्रखंड और एच डब्ल्यू सी स्तर पर किया जा रहा पर्यवेक्षण!
आपके शरीर के अंदर फाइलेरिया के परजीवी रहने पर हल्की सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं: जिलाधिकारी
फाइलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभावी स्तर पर पूर्ण रूप से सुरक्षित: सिविल सर्जन
सिवान (बिहार): हाथीपांव जैसी बीमारी को ठीक करने नही बल्कि रोकने के लिए आप सभी दवा का सेवन करें। ताकि सिवान जिले ही नही बल्कि पूरे राज्य और देश से फाइलेरिया जैसी बीमारी को मिटाया जा सके। इस संबंध में जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान आशा या अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा पहले तीन दिन बूथ स्तर पर दवा खिलाया गया है, जबकि अन्य कार्य दिवास के दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित सुकृत्या के अनुसार 1710 टीम द्वारा गृह भ्रमण कर सामने ही दवा खिलाया जा रहा है। हालांकि दवा खाने के बाद हल्की सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अगर आपके शरीर के अंदर फाइलेरिया के परजीवी है तो दवा खाने वाले लाभुकों को उल्टी, सिर दर्द, चक्कर, गर्मी होने जैसी शिकायतें हो सकती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ ही देर में सब कुछ सामान्य हो जाती है। हालांकि इस तरह की समस्या उत्पन्न होने की स्थिति में संबंधित आशा कार्यकर्ता द्वारा सरकारी अस्पताल द्वारा गठित RRT को इसकी सूचना अविलंब देनी होगी। ताकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाई करते हुए उसका उपचार करने का काम करेगी। जिला स्तरीय मूल्यांकन और अनुश्रवण के लिए सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद को जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ जिले के सभी प्रखंडों में भ्रमण और पर्यवेक्षण किया जा रहा है। जबकि गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार को सिसवन, आंदर, रघुनाथपुर, लकड़ी नबीगंज, बड़हरिया और हुसैंगजन, जबकि डीवीबीडीसीओ डॉ ओम प्रकाश लाल को जिरादेई, नौतन, गुठनी, दरौली, मैरवा, पचरुखी, सदर प्रखंड के अलावा आवश्यकता अनुसार अन्य सभी प्रखंड जबकि जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार को महाराजगंज, दारौंदा, गोरेयाकोठी, बसंतपुर और भगवानपुर हाट प्रखंडों का उक्त कार्यक्रम के तहत पर्यवेक्षण किया जा रहा है।
फाइलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभावी स्तर पर पूर्ण रूप से सुरक्षित: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि लोगों को यह भ्रम है कि दवा खाने से कुछ हो जाएगा। लेकिन आप सभी को पता है कि फाइलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभावी स्तर पर पूर्ण रूप से सुरक्षित है। हालांकि जिन बच्चों में दवा सेवन के बाद उल्टी, चक्कर एवं सर दर्द जैसी शिकायते आ रही है, उनके क्षेत्र में फाइलेरिया परजीवी का संक्रमण होने की पुष्टि होती है। लेकिन आप इसे आसान शब्दों में समझें तो यह है कि दवा सेवन के बाद अगर किसी तरह की शारीरिक शिकायत होती है तो यह स्पष्ट होता है कि शरीर में पहले से फाइलेरिया के परजीवी मौजूद थे। दवा सेवन से परजीवी मरते हैं, जिसके कारण उल्टी, चक्कर या सर दर्द जैसे छोटी- मोटी शिकायत हो सकती है। हालांकि इसके जागरूकता पैदा करने के लिए नुक्कड़ नाटक, जीविका, ग्रामीण विकास, नगर पालिका, जनवितरण प्रणाली, विकास मित्र, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज सहित कई अन्य के द्वारा सहयोग किया जा रहा है। प्रथम तीन दिन बूथ स्तर पर सुक्रत्या ऐप के अनुसार 474052 लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाया गया है। जबकि 14 फरवरी से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण कर खिलाया जा रहा है।
पीरामल सहित अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा सभी स्तर पर मिल रहा सहयोग: डॉ ओपी लाल
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), पीरामल स्वास्थ्य और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) द्वारा हसनपुरा प्रखंड के गांव में पीएसपी के माध्यम से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत सहयोग किया जा रहा है। डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह को भगवानपुर हाट, गोरेयाकोठी, लकड़ी नबीगंज, बड़हरिया और हसनपुरा, वीडीसीओ प्रीति आनंद को सिसवन, मैरवा, गुठनी, बसंतपुर और रघुनाथपुर, जबकि कुंदन कुमार को पचरुखी, हुसैनगंज, सदर प्रखंड, आंदर और नौतन वहीं विकास कुमार को दारौंदा, महाराजगंज, जिरादेई और दरौली की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुमार कुंदन के नेतृत्व में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सिवान सहित राज्य के कई अन्य जिले जहां सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत दवा खिलाई जा रही है। जिले में स्वास्थ्य विभाग को तकनीकी स्तर पर पहले तो प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षित के साथ- साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरूकता अभियान चलाकर दवा खाने के लिए स्कूल और कॉलेज सहित पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक किया गया। शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मूल्यांकन और अनुश्रवण को लेकर संचारी रोग विभाग के कार्यक्रम प्रमुख मिथिलेश कुमार पाण्डेय के द्वारा मूल्यांकन और अनुश्रवण का पर्यवेक्षण किया जा रहा है। वहीं संचारी रोग कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों (पीओ- सीडी) में सोनू सिंह को बसंतपुर, भगवानपुर हाट, गोरेयाकोठी, लकड़ी नबीगंज और महाराजगंज जबकि पूर्णिमा सिंह को सदर प्रखंड, शहरी क्षेत्र, हुसैनगंज, पचरुखी और बड़हरिया वहीं अमितेश कुमार को मैरवा, नौतन, दरौली, गुठनी और जिरादेई के अलावा रितेश राज को आंदर, रघुनाथपुर, सिसवन, हसनपुरा और दारौंदा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।