मध्य विद्यालय चैनपुर भैसवारा के परिसर में निःशुल्क चिकित्सा शिविर का हुआ आयोजन!
80 प्रतिशत नवजात बच्चों को दवा की जरूरत नहीं: डॉ रविशंकर सिंह
सारण (बिहार): रामकृष्ण मिशन छपरा के अद्भुता नंद महराज के संजोकत्व में चलने वाले निःशुल्क चिकत्सा शिविर का आयोजन गरखा प्रखंड के चैनपुर भैसवारा गांव में किया गया। इस शिविर में लगभग 150 नवजात बच्चे और अन्य बच्चो का इलाज के बाद उचित सलाह और निःशुल्क दवा का वितरण कर बदलते मौसम में मासूमों सहित माताओं को बचाव के लिए जागरूक किया गया।
मालूम हो कि रामकृष्ण मिशन आश्रम छपरा द्वारा गड़खा के मटखौआ दलित बस्ती को वर्षो पहले गोद लिया था। जिसको लेकर छपरा शहर के नामचीन चिकित्सकों द्वारा प्रत्येक रविवार को निःशुल्क इलाज किया जाता है।
गड़खा प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय चैनपुर भैसवारा के परिसर में संचालित निःशुल्क चिकित्सा शिविर में आए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रविशंकर सिंह ने कहा कि 80 प्रतिशत नवजात बच्चों को दवा की जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि नवजात के लिए मां का दूध ही सर्वोत्तम दवा है। हर हाल में जन्म के 24 घंटे के अंदर मां का स्तनपान कराया जाना चाहिए। मां का दूध सबसे शक्तिशाली दवा के रूप में कारगर साबित होता है। हमलोग अनजाने में एंटीबैटिक दवा देते हैं, इसके लिए जागरुक होने की जरूरत है। जन्म दिन से 28 दिनों तक के बच्चे नवजात की श्रेणी में आते है, उनको दवा नही स्तन पान की जरूरत होती है।इस अवधि के बाद भी मां का दूध ही सर्वोत्तम औषधि है।
डॉ रविशंकर सिंह वर्ष 2003 से लगातार आश्रम के द्वारा संचालित निःशुल्क सेवा देते आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नर सेवा हीं नारायण सेवा है। हमलोग नर का सेवा कर नारायण सेवा का कार्य करते हैं। इनके अलावे छपरा के दूसरे नामचीन डॉ एस के वर्मा, डॉ संदीप यादव, होमियोपैथी चिकित्सा डॉ शशिरंजन और डॉ अजय कुमार ने प्रत्येक सप्ताह की तरह इस सप्ताह भी शिविर में नि: शुल्क इलाज और दवा का वितरण किया। हालांकि इस तरह का शिविर प्रत्येक महीने के अंतिम रविवार को मांझी प्रखंड के घोरहट पंचायत के सलेमपुर गांव में आयोजित किया जाता है। शिविर में अन्य सहयोगियों में शामिल दवा वितरण तारकेश्वर राय, अरूण कुमार, अभिषेक कुमार, अरूण कुमार, नागेन्द्र कुमार, पीरौना के पूर्व सरपंच राम लग्न मांझी आदि सामिल थे।