वरीय अपर समाहर्ता ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक, दिया महत्वपूर्ण दिशा निर्देश!
सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की सफलता में संबंधित विभाग के अधिकारियों की आपसी समन्वय बेहद जरूरी: एडीएम
सिवान (बिहार): फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के लिए शहरी क्षेत्रों के अलावा जिले के सभी प्रखंडों में आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) की सफलता के लिए जिला समन्वय समिति (डीसीसी) और जिला स्तरीय स्वास्थ्य विभाग से संबंधित समीक्षात्मक बैठक का आयोजन समाहरणालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता वरीय अपर समाहर्ता उपेंद्र कुमार सिंह ने किया। जबकि इस अवसर पर अपर समाहर्ता (एडीएम) उपेंद्र कुमार सिंह, सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद, सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार सिंह, डीवीबीडीसीओ डॉ ओम प्रकाश लाल, सीडीओ डॉ अशोक कुमार, डीआईओ डॉ अरविंद कुमार, डीपीएम विशाल कुमार सिंह, आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ शशि भूषण सिन्हा और सचिव डॉ शरद चौधरी सहित जिला स्तरीय अधिकारियों के अलावा डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, पीरामल स्वास्थ्य और सिफ़ार के प्रतिनिधियों के साथ- साथ जिले के सभी एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम उपस्थित थे।
स्कूल और कॉलेजों में प्रार्थना सभा के दौरान आईडीए को लेकर बच्चों को किया जाए जागरूक: एडीएम
वरीय अपर समाहर्ता उपेंद्र कुमार सिंह ने उपस्थित सभी से कहा कि सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की शत- प्रतिशत सफ़लता के लिए स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग और जीविका के अलावा अन्य सहयोगी संस्थाओं की अहम भूमिका होती है। इसके लिए सभी लोग अपने- अपने स्तर से जन जागरूकता अभियान चलाकर सामुदायिक स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रको का आयोजन करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही जिले के सभी स्कूल और कॉलेजों में प्रार्थना सभा के दौरान इस संबंध में बच्चों को जागरूक करेंगे। वहीं जिले में जीविका समूह द्वारा गठित स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियों के माध्यम से जागरूकता अभियान के साथ ही अभियान के दौरान फाइलेरिया दवा के संबंध में जिलेवासियों को अवगत कराएंगी। एमडीए अभियान की सफलता में जन- जागरूकता बढ़ाने में जीविका, पंचायती राज विभाग एवं शिक्षा विभाग सहित जुम्मे की दिन मस्जिद में इमाम के द्वारा प्रचार प्रसार की अहम भूमिका होती हैं। साथ ही जिले में गठित स्वयं सहायता समूहों में जीविका समूह से जुड़ी हुई कार्यकर्ता इस अभियान के दौरान फाइलेरिया दवा के बारे में लोगों को अवगत कराने के अलावा यह सुनश्चित कराएंगी कि अभियान में दवा का सेवन शत- प्रतिशत हो। क्योंकि फाइलेरिया बीमारी हाथीपांव रोग के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें बुखार का आना, शरीर पर लाल धब्बे या दाग का होना एवं शरीर के अंगों में सूजन का आना फाइलेरिया की शुरुआती लक्ष्ण होते हैं। यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है।
संस्थागत प्रसव, एएनसी और नियमित टीकाकरण का पंजीकरण शत प्रतिशत कराना सुनिश्चित किया जाए: एडीएम
वरीय अपर समाहर्ता उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि संस्थागत प्रसव, बच्चों के टीकाकरण जैसे - बीसीजी और ओपीवी और त्रैमासिक में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के पंजीकरण कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। ताकि विभागीय स्तर पर उसका अनुश्रवण और मूल्यांकन किया जा सके। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराना हम सभी की पहली प्राथमिकताओं में शामिल करना बेहद जरूरी है। क्योंकि सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग स्थानीय क्षेत्र की जनता को हर तरह की सुख सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं।विभागीय स्तर पर बेहतरीन सुविधा एवं व्यवस्था प्रदान करने के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी हैं। वहीं प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के दौरान गर्भवती महिलाओं को चार तरह की जांच के साथ ही आयरन की गोली खाने को लेकर डीडीसी के द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। क्योंकि जब तक गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच ठीक से नहीं होगी तब तक प्रसव के दौरान जच्चा व बच्चा सुरक्षित नहीं रह सकता है। जिससे प्रसव के दौरान मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य किया जा सकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (आरोग्य दिवस) के दिन अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वहीं ठंड के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य संस्थानों के द्वारा मरीज़ों को दी जा रही चिकित्सीय सुविधाओं को लेकर गहनतापूर्वक जानकारी ली गई।