फाइलेरिया उन्मूलन अभियान: जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का हुआ प्रशिक्षण!
एमडीए की शत-प्रतिशत सफलता के लिए अन्तर्विभागीय सहयोग जरूरी: सिविल सर्जन
दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों को छोड़ शेष सभी लोगों को कराया जाएगा दवा सेवन: डॉ ओपी लाल
सारण (बिहार): राज्य के सिवान सहित 14 जिलों में आगामी 10 फरवरी 2025 से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान शुरू होने वाला है। शुरुआती तीन दिन बूथ स्तर जबकि शेष 14 दिन डोर टू डोर भ्रमण कर आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दवा खिलाया जाएगा, जिसको लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद, डीवीबीडीसीओ डॉ ओपी लाल, डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय सलाहकार डॉ माधुरी देवाराजू, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार, पीएल मिथिलेश कुमार पाण्डेय, सोनू सिंह, डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, वीडीसीओ प्रीति आनंद, विकास कुमार, कुंदन कुमार, राज तिलक सहित जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, वीबीडीसी और बीएचआई उपस्थित थे।
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने कहा कि सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) राउंड के दौरान दवा सेवन सुनिश्चित करने के लिए प्रखंड स्तर तक मजबूत तरीके से मूल्यांकन और अनुश्रवण की जरूरत है। हालांकि एमडीए राउंड की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। क्योंकि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है। हालांकि फाइलेरिया के उपचार की तुलना में इसकी रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है। एमडीए के माध्यम से ही फाइलेरिया की रोकथाम एवं उन्मूलन संभव है। उक्त अभियान की सफलता के लिए सूक्ष्म कार्य योजना, मूल्यांकन एवं अनुश्रवण के साथ सतत निगरानी को लेकर विशेष रूप से बल दिया जा रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके तहत प्रखंड स्तरीय नीति के अंतर्गत सभी प्रखंडों में आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण, उनके साथ नियमित बैठक एवं प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्यकर्मियों का आशाकर्मियों में सामंजस्य होना आवश्यक है।
ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने कहा कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों को छोड़ कर शेष सभी लोग इस दवा को खा सकते हैं। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत 100 मिलीग्राम की डीईसी एवं 400 मिलीग्राम अल्बेंडाजोल टैबलेट की एक-एक गोली खिलायी जाएगी। 06 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलायी जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि उपरोक्त सभी खुराक खाली पेट नहीं खानी है। दवा सेवन से किसी भी प्रकार के कुप्रभाव की संभावना नहीं है। फिर भी किसी कारणवश यदि कोई समस्या हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर अनिवार्य रूप से चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की क्षेत्रीय सलाहकार डॉ माधुरी देवाराजू ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों से कहा कि विगत महीने एनबीएस यानी रात्रि में रक्त संग्रह का आयोजन कर माइक्रो फाइलेरिया रेट का पता लगाया गया था। जिसके आधार पर एमडीए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। हालांकि पिछली बार के मुकाबले इस बार फ़रवरी में आयोजित होने वाले एमडीए कार्यक्रम बेहतर होने की संभावना है। फ़ाइलेरिया के मरीज मिलने की स्थिति में वहां पर सघन निगरानी एवं नियमित रूप से अनुश्रवण की जरुरत होती है। इसके लिए राज्य स्तरीय टीओटी का आयोजन किया जा चुका हैं।
पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार ने कहा कि एमडीए अभियान में आशा कार्यकर्त्ता द्वारा गृह भ्रमण कर अपने सामने लोगों को दवा खिलायेंगी। प्रत्येक टीम के द्वारा प्रतिदिन में चालीस से अधिक घरों में जाकर लक्षित समूह को अपने सामने दवा का सेवन कराना सुनिश्चित करेंगी। यहां तक कि इस अभियान के तहत किसी भी दिन छूटे हुए लोगों के बीच दुबारा जाकर आशा कार्यकर्त्ता दवा का सेवन कराना सुनिश्चित करेंगी। इस अभियान की शत- प्रतिशत सफलता के लिए उचित माध्यमों से सामुदायिक स्तर पर फाइलेरिया एवं सर्वजन दवा सेवन के बारे में जागरूकता भी फैलायी जाएगी।