राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुरूप मरीज को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रमाणीकरण बेहद जरूरी!
मानक के अनुरूप आंतरिक मूल्यांकन को लेकर की गई टीम गठित: सिविल सर्जन
नवनिर्मित एचडब्ल्यूसी को किया जाएगा सुसज्जित: डॉ कुमार रवि रंजन
सिवान (बिहार): सिवान जिले में समुदाय के अंतिम पंक्ति तक के मरीजों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा महिया करने को लेकर विभाग कृत संकल्पित है। इस संकल्प को लेकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को धरातल पर उतारने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से मिलने वाली मरीजों की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। क्योंकि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुरूप मरीज को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहली प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि जिले के गुठनी प्रखंड अंतर्गत झंझोर गांव स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) और बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत कुमकुमपुर गांव स्थित एचडब्ल्यूसी को राष्ट्रीय गुणवत्ता आवश्वासन मानक के तहत प्रमाणीकरण को लेकर आंतरिक मूल्यांकन किया जा रहा है। हालांकि इन दोनों सेंटर पर सभी तरह की तैयारी को लेकर जिला स्तरीय टीम गठित की गई है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मियों को अलग- अलग जिम्मेदारी दी गयी है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुसार चेकलिस्ट के आधार पर तैयारी चल रही हैं। हालांकि व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। जिसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), बीएचएम, बीसीएम, एसटीएस, एसटीएलएस, डाटा ऑपरेटर सहित कई अन्य को अलग- अलग कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसंतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने कहा कि कुमकुमपुर गांव स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत प्रमाणीकरण कराने के लिए लक्ष्य रखा गया है। जिसके अनुरूप उक्त सेंटर को तैयार किया जा रहा है। हालांकि नया भवन होने से ज्यादा परेशानी नहीं हो रही हैं। क्योंकि विगत वर्ष 29 सितंबर को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय द्वारा इसका विधिवत उद्घाटन किया गया है। लिहाजा पहले की अपेक्षा अब हर तरह की सुख सुविधाओं से सुसज्जित किया जा चुका हैं। साथ ही मरीजों की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई हैं। क्योंकि ग्रामीण स्तर पर संचालित स्वास्थ्य केंद्र के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी नवाज शरीफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों यथा - एएनएम, आशा फेसिलेटर और आशा कार्यकर्ताओ द्वारा मरीजों के प्रति अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने और कुशल व्यवहार का प्रयोग किया जाता हैं। जिला स्तरीय गठित टीम में विभागीय अधिकारियों को पीरामल स्वास्थ्य के राकेश कुमार अकेला, रानी कुमारी गुप्ता, गांधी फैलो रिजिया खातून और शदेया अमीन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को सहयोग किया जा रहा है। जबकि इस अवसर पर एमओआईसी डॉ कुमार रवि रंजन, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, बीएचएम सरफराज अहमद, सीएचओ नवाज शरीफ, एएनएम फूलमाला सिन्हा, श्वेता, निधि और निक्की सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
जिला गुणवत्ता आश्वासन यक़ीन (डीसीक्यूए) डॉ कुमार अभिमन्यु ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि मरीजों और स्वास्थ्य संस्थानों के बीच विश्वास का निर्माण करता है। जब मरीजों को यह विश्वास हो जाता है कि वह उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं, तो उनकी संतोषजनकता बढ़ती है। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं के सभी पहलुओं जैसे- चिकित्सा, नर्सिंग, प्रशासन और मरीजों के देखभाल की गुणवत्ता को मानक के अनुरूप तैयार किया जाता है। ताकि स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी मरीजों को उच्च गुणवत्ता के साथ उचित सलाह और उसका सही उपचार मिल सकें। इसके अलावा यह मानक स्वास्थ्य कर्मियों की शिक्षा और प्रशिक्षण के स्तर को भी सुधारने में काफी मददगार साबित होता हैं, जिससे उनकी दक्षता बढ़ती है। उसके बाद इस प्रक्रिया के तहत स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के तहत प्रमाणीकरण किया जाएगा, ताकि आम लोगों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। यह कदम मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे हर व्यक्ति को समुचित इलाज और स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।