टीबी मुक्त पंचायत के लिए मुख्य रूप से छह इंडिकेटरों पर किया जा रहा है कार्य: डॉ अनिल कुमार सिंह
निक्षय मित्रों द्वारा शत प्रतिशत पोषण सुनिश्चित कराना पहला उद्देश्य: डॉ कुमार रवि रंजन
सिवान (बिहार): प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान अंतर्गत जिले को टीबी मुक्त पंचायत की पहल के लिए विभागीय स्तर पर सभी तरह से आवश्यक कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसंतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने कहा कि कुमकुमपुर पंचायत के मुखिया छोटे लाल चौधरी ने छह, मोलनापुर पंचायत के मुखिया रंजीत प्रसाद में दो, जबकि सूर्यपुरा पंचायत की मुखिया शांति देवी ने चार टीबी रोगियों को गोद लिया है। इन सभी टीबी रोगियों के बीच निक्षय मित्रो द्वारा पोषण पोटली वितरण किया गया है। इस अवसर पर उपरोक्त तीनों पंचायत के मुखिया के अलावा प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) सरफराज अहमद, वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक (एसटीएस) ललन कुमार, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) नवाज शरीफ, एएनएम श्वेता कुमारी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।
निक्षय मित्रों द्वारा शत प्रतिशत पोषण सुनिश्चित कराना पहला उद्देश्य: डॉ कुमार रवि रंजन
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने बताया कि स्थानीय स्तर पर गोद लिए गए टीबी रोगियों के लिए पौष्टिक आहार वितरण किया गया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से दवा सेवन के साथ ही पौष्टिक भोजन की महत्ता से संबंधित जागरूक किया गया। क्योंकि जब तक पौष्टिक तत्वों की मात्रा की भरपाई नही होगी तब तक आपका शरीर पूरी तरह से स्वास्थ नही होगा। खासकर टीबी जैसी बीमारी में अपने खानपान पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती हैं। बसंतपुर के मोलनापुर, कुमकुमपुर और सूर्यपुरा पंचायत के 29 टीबी मरीजों के बीच पोषण पोटली वितरण टीबी मुक्त पंचायत के अंतर्गत कराया जा रहा है। हालांकि पिछली बार कुमकुमपुर और मोलनापुर पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत घोषित कर दिया गया है। जबकि इस बार सूर्यपुरा और सरैया श्रीकांत पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत को लेकर चयनित किया गया है। जिसके आलोक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मियों के अलावा पंचायत जनप्रतिनिधियों द्वारा टीबी रोगियों को निश्चय मित्र बनकर गोद लिया गया है। वैसे मरीजों को पोषण पोटली दिया गया है। ताकि पौष्टिक आहार के साथ ही नियमित रूप से दवा का सेवन कर टीबी मुक्त अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे।
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह द्वारा यक्ष्मा उन्मूलन को लेकर पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग और बाल विकास परियोजना के अलावा अन्य सहयोगी संस्था के सहयोग से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। टीबी मुक्त पंचायत के लिए विभिन्न प्रकार के कार्य योजना पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए मुख्य रूप से छह प्रकार के सूचकों पर कार्य किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। हालांकि टीबी मुक्त पंचायत बनने के लिए उक्त पंचायत में टीबी के वर्तमान मामले की जांच दर 50 प्रति हजार से अधिक होनी चाहिए। टीबी नोटिफिकेशन दर 2 प्रति हजार से कम होना चाहिए। पंचायत के दवा दुकान यक्ष्मा निरोधी दवा लेने वाले टीबी रोगियों की शत प्रतिशत रिपोर्टिंग सुनिश्चित होना चाहिए। स्थानीय क्षेत्र अंतर्गत शत प्रतिशत यक्ष्मा मरीजों को निश्चय पोषण योजना का लाभ दिया जाना सुनिश्चित करना है। नियमित एवं पूर्ण उपचार करने वाले रोगियों का अनुपात 80 से अधिक होना चाहिए। साथ ही निश्चय मित्र की सहायता से 100 रोगियों को पोषण संबंधी सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाना है। इन सभी सूचकों में से कम से कम पांच संकेतक पूर्ण करने के बाद ही संबंधित पंचायत द्वारा टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया जाता है।