मूल विद्यालय में बने रहेंगे सक्षमता पास विशिष्ट शिक्षक, अधिसूचना जारी!
पटना (बिहार): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक (संशोधन) नियमावली 2024 (ज्ञापन सं. 11/ नियमावली 01-02/2023 (अंश-1). 3.0.5.4. पटना, दिनांक-19/12/2029) बिहार राज्यपाल के आदेश से जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार अब सक्षमता पास नियोजित शिक्षक अब अपने मूल विद्यालय में ही बने रहेंगे तथा राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करेंगे। वहीं अब उनके ट्रांसफर को लेकर जिला स्तरीय कमेटी निर्धारित की गई है, जिनके अनुशंसा पर वे ट्रांसफर अपना करा सकते है। जारी अधिसूचना के अनुसार पूरी नियमावली निम्न अनुसार है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के "परन्तुक" के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार राज्यपाल एतद् द्वारा 'बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 में संशोधन करते हुए निम्नलिखित नियमावली बनाते हैं :-
1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभः- (1) यह नियमावली "बिहार विद्यालय
विशिष्ट शिक्षक (संशोधन) नियमावली 2024" कही जाएगी ।
(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा।
(3) यह अधिसूचना निर्गत होने की तिथि से प्रवृत होगी।
2. "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-4 (सक्षमता परीक्षा) का प्रतिस्थापनः- "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-4 का निम्नलिखित से प्रतिस्थापन होगाः-
4. सक्षमता परीक्षा विभाग अपने द्वारा एक सरकारी एजेंसी के माध्यम से सभी कार्यरत स्थानीय निकाय शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित करेगा। सक्षमता परीक्षा नियमावली के प्रवृत होने की तिथि से दो वर्ष के अवधि में आयोजित की जायेगी। प्रत्येक स्थानीय निकाय शिक्षक को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने हेतु पांच अवसर प्रदान किये जायेंगे।
स्थानीय निकाय शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण एवं प्रस्तुत शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों के मिलान के उपरांत संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा औपबंधिक नियुक्ति पत्र निर्गत किया जायेगा। तदोपरांत उन्हें उनके पूर्व पदस्थापन के विद्यालय में ही विशिष्ट शिक्षक के रूप में औपबंधिक रूप से पदस्थापन हेतु अलग से आदेश निर्गत किया जायेगा, जिसमें योगदान देने की अंतिम तिथि का स्पष्ट उल्लेख होगा।
विशिष्ट शिक्षकों द्वारा पदस्थापन आदेश में निर्धारित अंतिम तिथि तक योगदान किया जायेगा। योगदान की तिथि से वे विशिष्ट शिक्षक कहलायेंगे एवं स्थानीय निकाय शिक्षक के पद से वे स्वतः विरमित समझे जायेंगे।
विशिष्ट शिक्षक के रूप में औपबंधिक रूप से योगदान के उपरांत किसी भी विशिष्ट शिक्षक के पास स्थानीय निकाय शिक्षक के रूप में वापस होने का विकल्प नहीं रहेगा।
शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों इत्यादि के जांचोपरांत सही पाए जाने पर नियोक्ता पदाधिकारी यथा जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा विशिष्ट शिक्षक की सेवा की सम्पुष्टि की जा सकेगी।
3. "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 के नियम-5 (इस नियमावली के तहत सीधी नियुक्ति) का निम्नलिखित से प्रतिस्थापन होगाः-
विशिष्ट शिक्षकों के आश्रितों की अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति विभाग की प्रचलित नीति एवं निर्धारित पात्रता/अर्हता के अनुसार की जाएगी।
4. "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-10 (स्थानान्तरण) का निम्नलिखित से प्रतिस्थापन होगाः-
10. स्थानान्तरणः-
10.1 विशिष्ट शिक्षक राज्य के अन्तर्गत स्थानान्तरणीय होगा। स्थानान्तरित विद्यालय में विशिष्ट शिक्षकों को योगदान करना अनिवार्य होगा। इस हेतु विभाग द्वारा अलग से स्थानान्तरण नीति निर्धारित की जायेगी।
10.2 विशिष्ट शिक्षकों को सामान्य रूप से जिला के अन्दर स्थानान्तरण/ पदस्थापन की कार्रवाई आर०टी०ई० मानक के अनुरूप छात्र-शिक्षक अनुपात एवं विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के मध्य संतुलन को ध्यान में रखते हुए एवं प्रशासनिक कार्यों से जिला स्थापना समिति द्वारा की जाएगी, जिसका स्वरूप निम्नवत् होगा :-
10.3 प्रारंभिक विद्यालयों के विशिष्ट शिक्षकों तथा माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों के विशिष्ट शिक्षकों के स्थानान्तरण के लिए राज्य स्तरीय समिति की अलग-अलग बैठक आयोजित होगी।
10.4 ऊपर किसी बात के होते हुए भी, एक विशिष्ट शिक्षक को प्रशासनिक आधार पर या शिक्षा का अधिकार अधिनियम, छात्र-शिक्षक अनुपात के तहत प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए, निदेशक (प्राथमिक) या निदेशक (माध्यमिक) द्वारा सार्वजनिक हित में, जैसा भी मामला हो, अन्तर जिला स्थानान्तरित किया जा सकता है।
5. 'बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 में एक नया नियम-10क (प्रशासनिक दृष्टिकोण से स्थानान्तरण) का अंतःस्थापन। "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-10 के बाद एक नया नियम-10क (प्रशासनिक दृष्टिकोण से स्थानान्तरण) के रूप में अंतः स्थापित किया जायेगाः-
10क प्रशासनिक दृष्टिकोण से स्थानान्तरणः-
प्रशासनिक दृष्टिकोण यथा अनुशासनहीनता, सरकारी आदेश की अवहेलना, लगातार विलम्ब से विद्यालय आना, विद्यालय में उपस्थिति दर्ज कर गायब हो जाना, शैक्षणिक वातावरण को दूषित करना, दूसरे शिक्षक को पठन-पाठन नहीं करने हेतु उकसाना, महिला शिक्षिका/छात्राओं के साथ अमर्यादित व्यवहार की शिकायत, बच्चों के अधिगम स्तर में वांछित प्रगति नहीं होना, पाठ-टीका संधारण नहीं करने एवं शिक्षण कार्य हेतु सरकार के निदेश का अनुपालन नहीं करने इत्यादि कारणों से विशिष्ट शिक्षकों को प्रखण्ड / जिला से बाहर स्थानान्तरण किया जा सकेगा।
प्रशासनिक दृष्टिकोण से विशिष्ट शिक्षकों को प्रखण्ड से बाहर स्थानान्तरण जिला पदाधिकारी के द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए या संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुशंसा पर किया जा सकेगा। इसी प्रकार विशिष्ट शिक्षकों का जिला पदाधिकारी की अनुशंसा पर निदेशक (प्राथमिक) या निदेशक (माध्यमिक), जैसा मामला हो, प्रशासनिक दृष्टिकोण से जिला से बाहर स्थानान्तरण कर सकेंगे।
उक्त कार्रवाई से पूर्व सम्बंधित विशिष्ट शिक्षक को नोटिस निर्गत कर अपना पक्ष रखने हेतु 03 (तीन) कार्य दिवस का समय दिया जायेगा। उत्तर प्राप्त नहीं होने अथवा संतोषजनक उत्तर नहीं रहने की स्थिति में सक्षम प्राधिकार द्वारा प्रखंड / जिला स्थानान्तरण की कार्रवाई की जा सकेगी।
प्रशासनिक दृष्टिकोण से किए गए अन्तर जिला स्थानान्तरण के फलस्वरूप संबंधित स्थानान्तरित विशिष्ट शिक्षक की वरीयता स्थानान्तरित जिला में उनके नियुक्ति वर्ष से संबंधित विशिष्ट शिक्षक की विषयवार वरीयता से निम्न वरीयता के रूप में निर्धारित की जाएगी।
अपील- जिला पदाधिकारी के स्तर से लिये गये निर्णय के विरूद्ध निदेशक
(प्राथमिक) या निदेशक (माध्यमिक), जैसा मामला हो, के समक्ष आरोपित विशिष्ट शिक्षक अपील कर सकते है। इसी प्रकार निदेशक (प्राथमिक) या निदेशक (माध्यमिक) जैसा मामला हो, के स्तर से लिये निर्णय के विरूद्ध आरोपित विशिष्ट शिक्षक सचिव, शिक्षा विभाग के समक्ष अपील कर सकते है।
6. "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 में एक नया नियम-10ख (आचरण संहिता) का अंतःस्थापन। "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-10क के बाद एक नया नियम-10ख (आचरण संहिता) के रूप में अंतः स्थापित किया जायेगाः-
10ख आचरण संहिताः-
i.
सरकारी आदेश का पालन करना।
ii.
निर्धारित पाठ्यक्रम को सुगम एवं सुलभ ढंग से पूर्ण करना/कराना।
iii. समय पर विद्यालय आना और निर्धारित रूटीन के अनुसार कक्षा का संचालन करना/कराना।
iv.
शैक्षणिक वातावरण को दूषित नहीं करना।
v. दूसरे शिक्षक को पठन-पाठन नहीं करने में व्यवधान नहीं करना।
vi. शिक्षण कार्य से इनकार नहीं करना।
vii. महिला शिक्षिका / छात्राओं के साथ अमर्यादित व्यवहार नहीं करना।
viii. किसी दल विशेष के पक्ष में राजनीति में संलिप्त नहीं होना।
ix. निजी ट्यूशन/कोचिंग एवं अन्य व्यवसायिक संस्थाओं में संलिप्त नहीं होना।
x. बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करते हुए बच्चों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं होने देना।
xi. किसी प्रकार के नशा का सेवन नहीं करना।
xii. सामाजिक कुरीतियों विशेषकर बाल-विवाह एवं दहेज प्रथा को दूर करने में सक्रिया भूमिका निभाना ।
xiii. वार्षिक माध्यमिक परीक्षा एवं उच्च माध्यमिक परीक्षा के सफल संचालन हेतु बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा समय-समय पर दिए जाने वले निदेशों का अनुपालन करना।
xiv. विभाग द्वारा निर्धारित प्रशिक्षण में भाग लेने से इनकार नहीं करना।
xv. विशिष्ट शिक्षक पर बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 (समय-समय पर यथा संशोधित) में निहित प्रावधान प्रभावी होंगे।
7. "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-11 का प्रतिस्थापनः- "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-11 (अनुशासनिक कार्रवाई) का निम्नलिखित से प्रतिस्थापन होगा :-
11. अनुशासनिक कार्रवाई :-
11.1 विशिष्ट शिक्षक अवचार या कदाचार के विभिन्न कृत्यों के लिए ऐसे अनुशासनिक कार्रवाई के अधीन होंगे, जो नियुक्ति प्राधिकार द्वारा विनिश्चित किए जायेंगे।
11.2 विशेष रूप से, नियुक्ति प्राधिकार निम्नलिखित मामलों में एक विशिष्ट शिक्षक के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई शुरू करने के लिए सक्षम होगा:-
क. कार्य से अनाधिकृत अनुपस्थितिः
ख. जानबूझकर अवज्ञा और अनुशासनहीनता;
ग. विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में योगदान न देना;
घ. वित्तीय अनियमितता के मामले;
ङ. सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी का अभाव;
च. किसी भी आपराधिक मामले में शामिल होना;
छ. बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 के प्रावधानों का उल्लंघन;
ज. कोई अन्य मामला जिस पर अनुशासनिक प्राधिकार विचार करे;
झ. नियम-10ख आचरण संहिता का उल्लंघन;
11.3 समझा गया निलंबन कोई भी विशिष्ट शिक्षक जो 48 घंटे से अधिक समय से न्यायिक/पुलिस/सिविल अभिरक्षा में रहा है, उसे निलंबित समझा जाएगा और अनुशासनिक प्राधिकार ऐसा आदेश जारी करेगा।
11.4 अनुशासनिक प्राधिकार, दोषी विशिष्ट शिक्षक पर निम्नलिखित दंड अधिरोपित कर सकेगा।
क. वृहद् दंड-
i. बर्खास्तगी
ii. अनिवार्य सेवानिवृत्ति
iii. निचले पद पर पदावनति
iv. कम वेतनमान में पदावनति
v. संचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि (वेतन वृद्धियों) को रोकना
ख.
लघु दंड-
i. निन्दन
ii. निर्धारित विधि से निर्दिष्ट दिनों के लिए सक्षम प्राधिकार के समक्ष उपस्थिति दर्ज किया जाना आवश्यक होगा
iii. वेतन से कटौती के माध्यम से वित्तीय जुर्माना लगाना जो 15 दिनों से अधिक न हो
iv. गैर-संचयी प्रभाव से वेतन वृद्धि (वेतन वृद्धियों) को रोकना
v. प्रोन्नति रोकना
11.5 विभागीय कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया अनुशासनिक प्राधिकार, आरोपित विशिष्ट शिक्षक के खिलाफ रिपोर्ट प्राप्त होने पर यह तय करेगा कि क्या रिपोर्ट के आधार पर, वृहद् दंड या लघु दंड का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। इस प्रयोजन के लिए, अनुशासनिक प्राधिकार आरोपित विशिष्ट शिक्षक से 7 दिन का समय देते हुए एक कारण पृच्छा पूछ सकता है कि उसके विरूद्ध वृहद्/लघु दंड अधिरोपित करने के लिए, जैसा भी मामला हो, कार्यवाही क्यों नहीं प्रारंभ की जाय। उत्तर प्राप्त होने के बाद अनुशासनिक प्राधिकार यह तय करेगा कि वृहद् दंड कार्रवाई या लघु दंड कार्रवाई के लिए आगे बढ़ना है या मामले को बंद करना है। यदि आरोपित विशिष्ट शिक्षक ऐसी दो कारणपृच्छा का उत्तर नहीं देता है, तो अनुशासनिक प्राधिकार मामले को एकपक्षीय रूप से तय करने के लिए सक्षम होगा। यदि अनुशासनिक प्राधिकार वृहद् या लघु दंड के लिए कार्रवाई प्रारंभ करने का विकल्प चुनता है तो इन नियमों में उल्लिखित आगे की प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।
11.5.1 निलंबन :- उपर्युक्त वर्णित कारणों से अनुशासनिक कार्रवाई शुरू करते समय, अनुशासनिक प्राधिकार आरोपित विशिष्ट शिक्षक को निलंबन पर रख सकता है। परंतु अनुशासनिक प्राधिकार आरोपित विशिष्ट शिक्षक को निलंबन के अधीन रखने से पूर्व, कारण पृच्छा करेगा। निलंबन की अवधि के दौरान, उक्त शिक्षक मूल वेतन और मंहगाई भत्ते के 50% के बराबर जीवन निर्वाह भत्ता का हकदार होगा।
11.6 वृहद् दंड अधिरोपित करने की प्रक्रिया :-
11.6.1 जब भी अनुशासनिक प्राधिकार के पास यह विश्वास करने का आधार हो कि विशिष्ट शिक्षक ने इस नियमावली में विहित किसी नियम के विरूद्ध कोई कार्य किया है अथवा नियमानुसार कार्य नहीं किया है तो वह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी या किसी अन्य पदाधिकारी / कर्मी से दस्तावेजों और अन्य साक्ष्यों के साथ एक मसौदा अरोप-पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहेगा। इसके बाद, अनुशासनिक प्राधिकार एक जाँच पदाधिकारी नियुक्त करेगा जो अनुशासनिक कार्यवाही का संचालन करेगा। जाँच पदाधिकारी नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करेगा और आरोपित विशिष्ट शिक्षक को अपना मामला प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा। जाँच पदाधिकारी ऐसे कागजात / दस्तावेज भी उपलब्ध कराएगा जो कार्यालय के पास उपलब्ध हो। जाँच पदाधिकारी विभागीय कार्यवाही दो महीने के अन्दर पूरी कर लेगा। यदि आरोपित विशिष्ट शिक्षक दो तिथियों पर जाँच पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं होता है, तो जाँच पदाधिकारी, उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर, एकपक्षीय प्रतिवेदन समर्पित करने के लिए सक्षम होगा।
11.6.2 विभागीय कार्यवाही पूरी होने के बाद जाँच पदाधिकारी एक जांच प्रतिवेदन समर्पित करेगा और उसे आगे की कार्रवाई के लिए अनुशासनिक प्राधिकार को भेजेगा।
11.6.3 अनुशासनिक प्राधिकार अपने पास उपलब्ध पदाधिकारियों में से एक जाँच पदाधिकारी नियुक्त कर सकेगा या जिला पदाधिकारी से जिले में उपलब्ध पदाधिकारियों से इसे नियुक्त करने का अनुरोध कर सकेगा।
11.6.4 अनुशासनिक प्राधिकार जाँच पदाधिकारी के समक्ष विभाग के मामले को प्रस्तुत करने के लिए एक प्रस्तुतकर्त्ता पदाधिकारी भी नियुक्त करेगा। ऐसा प्रस्तुतकर्त्ता पदाधिकारी विभाग के प्रखंड स्तर के कर्मचारियों में से हो सकता है। वैकल्पिक रूप से यथा आवश्यक वह जिला पदाधिकारी से अन्य विभागों के प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों से प्रस्तुतकर्ता पदाधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध कर सकेगा।
11.7 लघु दंड अधिरोपित करने की प्रक्रिया - जहाँ अनुशासनिक प्राधिकार की राय में, मामला मामूली दंड अधिरोपित करने के लिए उपयुक्त है, वहां वह आरोपित विशिष्ट शिक्षक को पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय देते हुए कारण पृच्छा करेगा कि क्यों नहीं उस पर विशेष लघु दंड अधिरोपित किया जाए। आरोपित विशिष्ट शिक्षक से उत्तर प्राप्त होने पर, अनुशासनिक प्राधिकार उस विशेष लघु दंड को अधिरोपित कर सकेगा।
11.8 काम नहीं वेतन नहीं नियम जहाँ जिले के किसी पदाधिकारी या प्राधिकार या प्रशासनिक विभाग द्वारा निरीक्षण करने पर, विद्यालय का कोई विशिष्ट शिक्षक या कर्मचारी उचित अनुमोदन के बिना अनुपस्थित पाया जाता है तो जिला शिक्षा पदाधिकारी इसके लिए सक्षम होगा कि वह ऐसे अनुपस्थित शिक्षक के वेतन को तुरंत रोक दे। इसके बाद, 7 दिनों का समय देकर अनुपस्थित शिक्षक से कारण बताओ पूछा जाएगा और यदि उत्तर संतोषजनक नहीं होता है, तो अनुपस्थिति की अवधि के लिए अनुपस्थित शिक्षक के वेतन की कटौती की जाएगी।
8. "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 के नियम-12 (निरसन एवं व्यावृत्ति) का प्रतिस्थापन। "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-12 (निरसन एवं व्यावृत्ति) का निम्नलिखित से प्रतिस्थापन होगाः-
12. पूर्व के न्यायिक /अर्द्धन्यायिक कार्यवाही की निरंतरता-
12.1 यदि राज्य अपीलीय प्राधिकार/जिला अपीलीय प्राधिकार में स्थानीय निकाय शिक्षक की सेवा से संबंधित मामला लंबित है तो उसे राज्य अपीलीय प्राधिकार / जिला अपीलीय प्राधिकार द्वारा निष्पादित किया जायेगा।
12.2 विशिष्ट शिक्षकों की सेवा इस नियमावली के प्रभाव में आने से पूर्व उनकी सेवा से संबंधित दायर एवं लंबित वाद या कार्रवाई, यदि हो, के नतीजे/फलाफल से आच्छादित होगी।
12.3 विशिष्ट शिक्षकों से संबंधित विवाद राज्य अपीलीय प्राधिकार/जिला अपीलीय प्राधिकार के क्षेत्राधिकार में नहीं रहेगा।
9. "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 में एक नया नियम-12क (शिकायत निवारण) का अंतःस्थापन। "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-12 के बाद निम्नलिखित नए नियम-12क (शिकायत निवारण) के रूप में अंतःस्थापित किया जाएगाः-
"12क. शिकायत निवारण : अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा पारित कोई भी आदेश, आदेश पारित करने के 15 दिनों के अन्दर क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के समक्ष अपील योग्य होगा। क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक 30 दिनों के अन्दर अपील का निष्पादन करेगा। परन्तु क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक आदेश पारित करने से पहले अपीलकर्त्ता की सुनवाई करेगा।
10. "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 में एक नया नियम-12ख (पुनरीक्षण) का अंतःस्थापनः- "बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023" के नियम-12'क' के बाद निम्नलिखित नए नियम-12ख (पुनरीक्षण) के रूप में अंतःस्थापित किया जाएगाः-
"12.ख. पुनरीक्षण :- नियम-12क के तहत क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक
द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध एक पुनरीक्षण, प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष होगा। पुनरीक्षण, अपील के निष्पादन के 15 दिनों के अन्दर दायर किया जाना चाहिए तथा प्रमंडलीय आयुक्त 30 दिनों के अन्दर इसका निष्पादन करेंगे।