मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सौ आशा कार्यकर्ताओं को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन!
गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व मलेरिया की जांच अनिवार्य रूप से कराना चाहिए: डॉ ओपी लाल
विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन
सिवान (बिहार): वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मलेरिया जैसी संक्रमक बीमारियों की रोकथाम, नियंत्रण, उन्मूलन और जागरूकता के लिए प्रत्येक वर्ष जिले की सौ आशा कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित किया जाता है ताकि मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के गुणवत्तापूर्ण संचालन किया जा सकें। उक्त बातें वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान आशा कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए कही। आगे उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। ताकि मलेरिया से बचाव तथा जिलेवसियों को जागरूक किया जा सके। क्योंकि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता हैं। प्रत्येक वर्ष विश्व मलेरिया दिवस के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक थीम जारी किया जाता है। सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में दो दिवसीय आशा कार्यकर्ताओ का प्रशिक्षण कार्यशाला में डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, भीडीसीओ विकास कुमार के आलावा तकनीकी सहयोग के रूप में लैब टेक्नीशियन धर्मेंद्र कुमार के द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान जिले के सभी प्रखंडो से सौ आशा कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित किया गया। जबकि इस दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल, वीडीसीओ कुंदन कुमार और प्रीति आनंद लिए आलावा सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।
गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व मलेरिया की जांच अनिवार्य रूप से कराना चाहिए: डॉ ओपी लाल
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि भारत में संक्रमण के 65% प्लाजमोडियम वाइवैक्स तथा 35 प्रतिशत प्लाजमोडियम फैल्सीपैरम के कारण होता है। छोटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं में इस रोग के प्रति प्रतिकार क्षमता अत्यंत कम होती है। जिस कारण मृत शिशुओं का जन्म और नवजात शिशुओं का वजन अत्यधिक कम होना एक प्रमुख समस्या है। इसे रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व मलेरिया की जांच अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है, क्योंकि यह रोग प्लास्मोडियम प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। हालांकि केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है। जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम और विवैक्स माने जाते हैं, साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल और प्लास्मोडियम मलेरिये भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सभी समूह को मलेरिया परजीवी कहा जाता हैं।
विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम से संबंधित मलेरिया जैसी बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए जिलेवासियों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम संचालित किया जाता है। ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके। लेकिन इसी तरह के कार्यक्रमों में आम जनमानस को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी लोगों तक पहुंचाया जाता है। जिस कारण चल रही योजनाओं के साथ ही बचाव से संबंधित उपायों का ध्यान रख सकते हैं। तभी इन सब बीमारियों को समाप्त किया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिए मलेरिया जैसी घातक बीमारी से बचाव करना अतिआवश्यक होता है, क्योंकि यह बीमारी उनके गर्भस्थ शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकती है। गर्भवती महिलाओ को सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। वहीं अगर सर्दी कंपन के साथ बुखार या तेज बुखार, सर दर्द और बुखार उतरते समय शरीर से पसीना आने जैसी लक्षण दिखे तो नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य कर्मियों से समय रहते उचित सलाह लेना चाहिए। ताकि समय रहते उसका उपचार किया जा सके।
बचाव और सुरक्षित रहने के तरीक़े:
मच्छर जनित रोग से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए अपने घर के आस पास पानी जमा होने दें, पानी के बर्तन या टंकियों को हमेशा ढककर रखें, पशु और पक्षियों के बर्तन को कम से कम सप्ताह में एक बार सुखा कर इस्तेमाल करें, जमे हुए पानी जैसे तालाब क्या कुआं आदि में गंबूशिया मछली डालना चाहिए, क्योंकि यह मछली मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लारवा को निगल जाती है।