विश्व एड्स दिवस:स्वास्थ्य विभाग द्वारा निकाली गई जागरूकता रैली!
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2030 तक एड्स मुक्त दुनिया बनाने का रखा गया लक्ष्य: डॉ आरपी सिंह
स्थानीय स्तर पर आईसीटीसी पीपीटीसीटी एवं एसटीडी केंद्र में लगभग 8500 लोगों की हुई एड्स जांच:
राज्य के 18 जिलों में संपूर्ण सुरक्षा केंद्रों के माध्यम से सभी तरह का किया जाता है जांच:
सारण (बिहार): युवाओं में यौन शिक्षा का अभाव एचआइवी के प्रसार का मुख्य कारण है। हम सभी को अपनी- अपनी जिम्मेदारियो को समझते हुए एड्स के खिलाफ जागरूकता फैलानी होगी। क्योंकि सही जानकारी और सावधानी से इस संक्रमण से बचाव संभव है। इसके साथ ही एड्स के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका निभाएं और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें। उक्त बातें जिला एड्स एवं संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद ने सदर अस्पताल परिसर में जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के दौरान उपस्थित लोगो से कहीं। पूरे विश्व में लगभग 38 मिलियन लोग एचआइवी से संक्रमित हैं, जिनमें से 12 मिलियन को अभी भी इलाज नहीं मिल पाया है। लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2030 तक एड्स मुक्त दुनिया बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण काल के कारण एचआइवी एड्स के खिलाफ वैश्विक प्रयास में थोड़ी सी कमी आ गई थी।
विभागीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मकेश्वर प्रसाद चौधरी ने कहा कि बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने एड्स से जुड़ी जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन नंबर - 1097 और 'हम साथी' ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप से एड्स की जांच, इलाज और सरकारी योजनाओं की जानकारी आसानी से ली जा सकती है। यह ऐप बच्चों में मां से संक्रमण रोकने के उपाय भी बताता है। एचआइवी संक्रमण प्रभावित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने, साथ में खाना खाने, खांसने, छींकने या मच्छर के काटने से नहीं होता है। ऐसे मिथकों को जड़ से खत्म करना बेहद जरूरी है। क्योंकि एड्स के खिलाफ लड़ाई में भेदभाव एक बड़ी बाधा के रूप में सामने आती है। इसके लिए हम सभी को एड्स पीड़ितों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना चाहिए। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा पूरे राज्य के 18 जिलों में संपूर्ण सुरक्षा केंद्र खोला गया है। जिसमें सारण जिला भी शामिल है। इस केंद्र में एक ही छत के नीचे एच आईं वी एवं यौन रोग संबंधित परामर्श एवं जांच कार्य किया जा रहा है।
जिला एड्स पर्यवेक्षक अभय दास ने बताया कि एड्स दिवस के अवसर पर विभागीय अधिकारियों द्वारा जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। जो अस्पताल परिसर से निकल कर मालखाना चौक, डाक बंगला रोड होते हुए थाना चौक से गुजरते हुए वापस पुनः सदर अस्पताल आ गई। जिसमें एएनएम और पैरा मेडिकल कॉलेज के छात्र और छात्राओं में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में विश्व एड्स दिवस को वृहत पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए "Take the Right Path" (सही रास्ता अपनाओ) थीम को चुना गया है। क्योंकि आजकल के युवा वर्ग को सही रास्ता अपनाने और चलने की जरूरत है। सदर अस्पताल के आईसीटीसी पीपीटीसीटी एवं एसटीडी केंद्र में इस वित्तीय वर्ष में लगभग 8500 लोगों का एड्स एवं इससे जुड़े जांच की गई हैं। जिसमें 313 महिला और पुरुष जबकि 18 गर्भवती महिला संक्रमित पाई गई है। जिनको एआरटी केंद्र भेजकर दवा दी गई हैं। वहीं 56 मरीज सिफलिश के पाए गए है, जिनका इलाज यौन रोग परामर्शी के द्वारा पेनिसिलिन की सुई देकर कराई गई है।
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल छपरा से एड्स जागरूकता रैली को जिला एड्स एवं संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह, वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मकेश्वर प्रसाद चौधरी और जिला एड्स पर्यवेक्षक अभय दास द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखा कर रैली को रवाना किया गया। इस अवसर पर जिला एड्स एवं संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह, वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मकेश्वर प्रसाद चौधरी, जिला एड्स पर्यवेक्षक अभय दास, सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, परामर्शी उर्मिला कुमारी, जिला एड्स जांच घर के प्रभारी मनोज कुमार, सीएसी के विश्वजीत, लिंक वर्कर स्कीम से प्रवीर सिन्हा, फार्मासिस्ट नंदलाल, गुड्डू, धनंजय, नीतीश और गजेंद्र सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।