मशाल-2024: 2 से 9 जनवरी तक खेल सप्ताह, शिक्षकों को मिली ट्रेनिंग!
सिवान (बिहार): शिक्षा विभाग, खेल विभाग एवं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में बिहार प्रतिभा खेल पहचान "मशाल-2024" कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। मशाल प्रतियोगिता के सफल आयोजन हेतु सभी विद्यालयों में दिनांक 02 से 09 जनवरी 2025 तक के अवधि को "खेल सप्ताह" के रूप में मनाते हुए पठन-पाठन से संबंधित सभी कामों को स्थगित रखकर खेल गतिविधि कराया जाएगा जिसमें प्राचार्य सहित सभी शिक्षक एवं कर्मियों की सहभागिता होगी।
वहीं "खेल सप्ताह" आयोजन करने हेतु अपने स्तर से सभी जिला पदाधिकारी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा / प्राथमिक शिक्षा / SCERT, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला खेल पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निदेशित भी किया गया है।
इसी को लेकर सिसवन प्रखंड के बीआरसी पर प्रखंड क्षेत्र के खेल शिक्षकों एवं कंप्यूटर शिक्षकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ट्रेनर चन्द्र दीप सिंह और अजय कुमार ने प्रखंड के सभी शारीरिक शिक्षक एवं कंप्यूटर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया।
इस दौरान ट्रेनर चंद्रदीप सिंह ने बताया कि मशाल (MASHAAL) बिहार के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में खेल प्रतिभाओं की पहचान कर, उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक अभिनव पहल है। यह कार्यक्रम युवा एथलीटों को सशक्त बनाने, खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और उन्हें जमीनी स्तर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता तक पहुँचाने में मार्ग प्रदान करेगा। यह पहल बिहार राज्य खेल प्राधिकरण (BSSA), खेल विभाग, शिक्षा विभाग, SCERT, और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के सहयोग से संचालित की जा रही है। इसमें बिहार के 37,586 सरकारी स्कूल भाग लेंगे। वहीं इसमें अभियान में लगभग 57,13,832 छात्रों में से खेल प्रतिभाओं की पहचान किया जाएगा तथा उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाया जाएगा। इसके अंतर्गत मुख्य खेल एथलेटिक्स, साइक्लिंग, फुटबॉल, कबड्डी, वॉलीबॉल हैं। उन्होंने बताया कि मशाल प्रतियोगिता के सफल आयोजन हेतु सभी विद्यालयों में दिनांक 02 से 09 जनवरी 2025 तक के अवधि को "खेल सप्ताह" के रूप में मनाते हुए पठन-पाठन से संबंधित सभी कामों को स्थगित रखकर खेल गतिविधि कराया जाएगा।
इस दौरान मुख्य रूप से बीपीएम राहुल सिंह, शिक्षक बी के भारतीय, कुणाल तिवारी, पल्लवी कुमारी, महेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार आदि सहित सैकड़ों शिक्षकों मौजूद थे।