समाहरणालय परिसर से जिले में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान का हुआ शुभारंभ!
एडीएम, डीडीसी और सिविल सर्जन ने संयुक्त रूप से जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना:
कार्यक्रम को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए आपसी समन्वय बेहद जरूरी: डीडीसी
सिवान (बिहार): सिवान जिले में टीबी रोगियों कि खोज और टीबी से होने वाली टीबी मरीजों की मृत्यु दर को कम करने के साथ ही टीबी से नए व्यक्तियों को संक्रमित नहीं होने के प्रयासों में तेज़ी लाने के उद्देश्य से 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान का शुभारंभ समाहरणालय परिसर में अपर समाहर्ता उपेंद्र कुमार सिंह, जिला उपविकास आयुक्त मुकेश कुमार और सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर प्रचार वाहन सह जागरूकता रथ को रवाना किया गया। इस संबंध में अपर समाहर्ता (एडीएम) उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जन भागीदारी एवं सामुदायिक जागरूकता के माध्यम से उच्च जोखिम युक्त जनसंख्या यथा - इलाज़रत टीबी रोगियों के साथ रहने वाले व्यक्ति, विगत पांच वर्ष में इलाज़ कराए रोगियों में टीबी की पहचान, इच आई वी ग्रसित व्यक्ति, मधुमेह रोगी, 60 आयु वर्ष से अधिक और धूम्रपान और नशा करने वाले व्यक्तियों सहित बीएमआई वाली कुपोषित जनसंख्या को टीबी स्क्रीनिंग और जांच करना है। वहीं टीबी रोग से पीड़ित व्यक्तियों में डिफरेंशिएटेड टीबी केयर पद्धति का क्रियान्वयन एवं पोषण संबंधी सहायता प्रदान कर मृत्यु की संभावना को कम करने सहित टीबी रोगी के घर में साथ रहने वाले व्यक्तियों, एचआईवी पीड़ित व्यक्तियों और समुदाय में उच्च जोखिम वाली जनसंख्या को टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेण्ट (टीबीपीटी) प्रदान कराना सुनिश्चित करना होगा। आगामी 22 दिसंबर तक जिले के उच्च जोखिम वाली जनसंख्या का स्क्रीनिंग और जांच कराने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रचार वाहन सह रथ के माध्यम से माईकिंग किया जाएगा।
कार्यक्रम को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए आपसी समन्वय बेहद जरूरी: एडीएम
उन्होंने यह भी कहा कि उक्त अभियान में जिले के विभिन्न विभागों जैसे- स्वास्थ्य विभाग के साथ- साथ शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, युवा कल्याण विभाग, कला एवं संस्कृति विभाग, श्रम एवं सेवायोजन विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उद्योग विभाग, गृह विभाग एवं कारागार विभाग में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को निर्धारित समय सारणी के अनुसार अंतर्विभागीय समन्वयन स्थापित करना है।ताकि कार्यक्रम को शत प्रतिशत सफल बनाया जा सकें। इस संबंध में सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है कि इस कार्यक्रम की सफलापूर्वक संपन्न कराने के लिए शीघ्र जांच, उपचार, पोषण, बचाव और शीघ्र सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों, धार्मिक नेताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों के अलावा जिले के विभिन्न विभागों उद्योग, गैर सरकारी संगठन, टीबी चैंपियन, निक्षय मित्रों और निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करना होगा। आगामी 24 मार्च 2025 तक विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से गतिविधियों का आयोजन करना है।
यक्ष्मा विभाग के माध्यम से माइक्रो प्लान के तहत विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होंगे आयोजित: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) कार्यक्रम अंतर्गत राज्य के दस ज़िले में सौ दिवसीय सघन अभियान की शुरूआत करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने उपरोक्त सभी जिले के सिविल सर्जन को पत्राचार कर कहा है कि सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की उच्च जोखिम वाली जनसंख्या की मूल्यांकन यक्ष्मा विभाग के माध्यम से कराते हुए विस्तृत रूप से माइक्रो प्लान कराना सुनिश्चित करेंगे।क्योंकि टीबी के नए रोगियों की खोज के साथ ही टीबी रोगियों की मृत्यु दर को कम करने के अलावा टीबी के नए रोगियों को पूर्ण रूप से रोकना इसका मुख्य उद्देश्य है। हालांकि इस अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए जिले के सभी प्रखंड से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मियों यथा - आशा कार्यकर्ता, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एसटीएलएस, एसटीएस, बीएचएम, शहरी क्षेत्र के लिए डीपीसी के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों और आयोजनों को कराना सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर डीपीएम विशाल कुमार, यक्ष्मा विभाग के डीपीएस दिलीप कुमार, डीपीसी दीपक कुमार, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, प्रधान लिपिक अमितेश कुमार, डीईओ बलवंत कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।