कालाजार खोजी अभियान को लेकर प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना!
जिले से कालाजार रोग को पूर्ण रूप से समाप्त करने में ग्रामीण चिकित्सकों की भूमिका अहम: सिविल सर्जन
कालाजार प्रभावित 196 गांवों में 23 नवंबर से गृह भ्रमण कर कालाजार मरीज़ों की होगी खोज: डॉ ओपी लाल
सिवान (बिहार): सिवान जिले में कालाजार मरीजों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए कालाजार प्रभावित इलाकों में अभियान का संचालन 23 नवंबर से शुरू किया गया है। इस सात दिवसीय अभियान के दौरान क्षेत्र भ्रमण कर आशा कार्यकर्ता 15 दिन या इससे अधिक समय से बुखार पीड़ित वैसे मरीज जिनका बुखार मलेरिया व एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन के बावजूद ठीक नहीं हुआ है, वैसे लोगों को कालाजार संबंधी जांच के लिए प्रेरित करेंगी। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने जिला स्वास्थ्य समिति के परिसर से जागरूकता अभियान के लिए प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के दौरान कही। जिले से कालाजार रोग को पूर्ण रूप से समाप्त करने को लेकर विभागीय स्तर पर हर संभव प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए ग्रामीण चिकित्सकों द्वारा संभावित मरीजों को जांच के लिए सरकारी अस्पताल भेजे जाने एवं व्यक्ति में रोग की पुष्टि होने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपये देने का प्रावधान है। क्योंकि कालाजार उन्मूलन में ग्रामीण इलाकों में कार्य करने वाले ग्रामीण चिकित्सकों की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण हो जाती है।
कालाजार प्रभावित 196 गांवों में 23 नवंबर से गृह भ्रमण कर कालाजार मरीज़ों की होगी खोज: डॉ ओपी लाल
जिला वेक्टर बॉर्न पदाधिकारी (डीवीबीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि राज्य मुख्यालय स्थित कार्यालय में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह एसपीओ द्वारा पत्र जारी कर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। क्योंकि जिले के लगभग 196 कालाजार प्रभावित गांवों में 23 नवंबर से गृह भ्रमण कर मरीज़ों की खोज होनी है। हालांकि जिसके लिए आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण से लेकर अभियान के सफल संचालन तक का गाइड लाइन जारी किया गया है। जिसमें प्रचार प्रसार के लिए माइकिंग, बैनर और पोस्टर के अलावा फ्लैक्स के संबंध में लिखा गया है। कालाजार लक्षण वाले रोगियों का सरकारी अस्पतालों में आरके- 39 किट के माध्यम से जांच की जाएगी। वहीं जिन लोगों का पूर्व में कालाजार का इलाज हो चुका हो या उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण दिखाई पड़े तो उनकी बोन मैरो व स्पीलिन एसपिरेशन जांच के लिए सदर अस्पताल में रेफर किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कालाजार प्रभावित गांव में खोज के पूर्व आशा फैसिलिटेटर संबंधित मुखिया और वार्ड पार्षद को इसकी जानकारी देंगी और अभियान में उनकी सहायता सुनिश्चित करेंगी। ताकि अभियान में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नही हो सके।
कालाजार के संभावित मरीजों की खोज आशा कार्यकर्ता करेंगे जबकि पर्यवेक्षण आशा फैसिलिटेटर की जिम्मेदारी: डीवीबीडीसी
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार (डीवीबीडीसी) नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जिले में 196 प्रभावित गांव में कलाजार खोज अभियान का शुभारंभ किया गया है। जिले के 63071 घरों के 393924 प्रभावित जनसंख्या के लिए 267 आशा कार्यकर्ता जबकि 87 आशा फेसिलेटर को लगाया गया है। विगत वर्ष 2021 में वीएल एचआईवी और वीएल पीकेडीएल के 186 मरीज़ मिला था, जबकि वर्ष 2022 में 108, 2023 में 64 वहीं 2024 में अभी तक मात्र 41 कलाजार मरीजों की पहचान हुई है। वर्ष 2024 में सबसे अधिक भगवानपुर हाट प्रखंड में आठ तो सबसे कम जीरादेई और सिसवन प्रखंड में एक- एक मरीज की शिनाख्त हुई है। इस अभियान के तहत चिह्नित गांव के कालाजार के मरीजों के घरों की 500 मीटर की परिधि में 200 से 250 घरों में जाकर कालाजार के संभावित मरीजों की खोज करेंगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ता को लगाया गया है जबकि इनका पर्यवेक्षण आशा फैसिलिटेटर के द्वारा किया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल द्वारा संयुक्त रूप हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। वही इस अवसर पर डीआईओ डॉ अरविंद कुमार, डीपीएम विशाल कुमार, डीसीक्यूए डॉ कुमार अभिमन्यु, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार (डीवीबीडीसी) नीरज कुमार, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी (वीडीसीओ) विकास कुमार, कुंदन कुमार और प्रीति आनंद के अलावा सिफ़ार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।