भाई की लंबी उम्र एवं सुख समृद्धि के लिए हुआ गोवर्धन पूजा!
सारण (बिहार) संवाददाता सोहेल अहमद: माँझी नगर पंचायत के हसन अली बाजार पर शनिवार को गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं एवं युवतियां शामिल हुई। इस त्यौहार को भैया दूज भी कहा जाता है। यह त्यौहार बहने अपने भाई की लंबी उम्र एवं सुख समृद्धि में वृद्धि के लिए मानती हैं।
कब और कैसे मनाया जाता यह पर्व?
इस दौरान महिलाओं ने बताया कि यह पर्व प्रत्येक साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। भाई दूज पर्व भाई-बहन के प्यार और पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनकी सलामती की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करते हैं। भाई दूज को यम द्वितीया या भ्रांति द्वितीय भी कहा जाता है।
क्या है मान्यता?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध कर अपनी बहन सुभद्रा से मुलाकात की थी। इस दौरान सुभद्रा ने श्रीकृष्ण का तिलक किया और माला अर्पित कर उनका स्वागत किया। साथ ही उन्हें मिठाई खिलाई। सुभद्रा ने अपने भाई की दीर्घ आयु के लिए कामना की।
ग्रंथों में भाई दूज की इस कथा का उल्लेख देखने को मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान यम अपनी बहन यमुना से मिले थे। उस समय मां यमुना ने यम देवता का आदर-सत्कार किया और उन्हें भोजन कराया। इससे यम देव अति प्रसन्न हुए। उन्होंने वचन दिया कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर जो कोई अपनी बहन से मिलने उनके घर जाएगा। उस व्यक्ति की हर मनोकामना अवश्य ही पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होगी। तभी से भाई दूज मनाने की शुरुआत हुई।