नैतिक कर्तव्य का अहम हिस्सा है समाज सेवा!
✍️प्रेरणा बुड़ाकोटी/ नई दिल्ली
मेरठ (उत्तर प्रदेश): अंतरराष्ट्रीय मानवीय मूल्यों की माला मंच भारत पर दिनांक 17/11/2024 दिन रविवार को एक बजे से साढ़े तीन बजे तक विषय,,समाज सेवा पर आधारित काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। मंच के संस्थापक माला सिंह एवं महेश प्रसाद शर्मा संगठन मंत्री ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की जिसमें बड़े-बड़े साहित्यकार उपस्थित रहे। जिनके नाम इस प्रकार है; डॉ महेश तिवारी चंदेरी मध्य प्रदेश, डॉ निराला पाठक रांची झारखंड, डॉ शरद नारायण खरे मंडला मध्यप्रदेश, श्री पुहुप राम यदु मोपर भाटापारा छत्तीसगढ़, डॉ अर्चना पाण्डेय भिलाई दुर्ग छत्तीसगढ़, बद्रीनाथ विश्वकर्मा गोरखपुर उत्तर प्रदेश, मीरा सक्सेना माध्वी नई दिल्ली, श्री एस अनंत कृष्णन चैन्नई तमिलनाडु, डॉ देवी दीन अविनाशी हमीरपुर उत्तर प्रदेश, श्री नंदकिशोर बहुखंडी जी देहरादून उत्तराखण्ड, डॉ अंबे कुमारी बोधगया बिहार, डॉ मधुसूदन तिवारी जी महाराजपुर जिला मंडला मध्यप्रदेश, डॉ शशिकला अवस्थी इंदौर मध्य-प्रदेश, संजय जैन "बीना" मुंबई, डॉ पुष्पा जैन इंदौर मध्य-प्रदेश, डॉ कमला माहेश्वरी जी कमल बदायूं उत्तर प्रदेश, उर्मिला कुमारी जी कटनी मध्यप्रदेश, नाहिदा शाहीन ओडिशा आदि। इस कार्यक्रम का विषय इस कार्यक्रम का विषय समाज सेवा पर सभी ने अपने-अपने प्रस्तुति प्रदान करते हुए समाज सेवा की असली परिभाषा का अर्थ समझाया।
मानवता की सेवा करना समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, जो मनुष्यों के बीच संबंधों को अधिक सुदृढ़ बनाता है और एक समृद्ध समाज की बुनियाद रखता है। समाज सेवा के माध्यम से, हम लोगों की सहायता करके, जरूरतमंदों का सहारा बनकर, बीमारों की देखभाल करके और शिक्षा के अवसर प्रदान करके समाज को समृद्ध करते हैं। यह एक नैतिक कर्तव्य है जिसे हमें अनिवार्यतः अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। समाज सेवा के नियमित अभ्यास से हम अपने आसपास के लोगों के साथ एक दयालु और समर्पित समुदाय की स्थापना कर सकते हैं।