जिला स्वास्थ्य समिति में सीएचओ, एएनएम और बीएचएम को दिया गया ट्रेनिंग
• मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को किया जायेगा सुदृढीकरण
सारण (बिहार): जिले में समुदाय के अंतिम पंक्ति तक के मरीजों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा महिया करने को लेकर विभाग संकल्पित है। जिले के हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर मिलने वाली मरीजों की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुरूप मरीज को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना है। इसको लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में 10 प्रखंडों के कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, एएनएम, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक और बीएमएंडइ को प्रशिक्षण दिया गया। जिले के मशरक, अमनौर, बनियापुर, गरखा, मांझी, सोनपुर, दरियापुर, एकमा, रिविलगंज और मरहौरा के सीएचओ, एएनएम, बीएचएम को ट्रेनिंग दिया गया। राष्ट्रीय मानक के अनुरूप हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के सुदृढ़ीकरण का निर्देश दिया गया। इस प्रयास से जहां जन-जन तक उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा सकेंगी, वहीं सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जनता का विश्वास दृढ़ होगा। प्रशिक्षण के दौरान चेक लिस्ट में वर्णित इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन, दस्तावेजीकरण, आउटकम, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन आदि पर चर्चा की गयी। मौके पर डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीड डॉ रविश्वर कुमार मौजूद थे।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक की शुरुआत :
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि पहले चरण में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर गठित टीम के द्वारा इंटरनल असेसमेंट किया जाएगा। उसके बाद जिला स्तर, राज्य स्तर व अंत में केंद्रीय स्तर के टीम के द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा। संस्थान के प्रमाणीकरण होने के बाद केंद्र सरकार के द्वारा एक निश्चित राशि अगले 3 साल तक दिया जाता है जिसे अस्पताल के उन्नयन में खर्च किया जाता। अगर किसी क्षेत्र में जीरो से 49% का कार्य हुआ है तो मार्किंग 0 की जाती है वहीं 50 से 99 तक होने पर मार्किंग 01 की जाती है 100 होने पर 02 का मार्किंग किया जाता है। उन्होंने बताया की मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को तीन स्तर पर प्रमाणीकरण के लिए लक्ष्य का निर्धारण किया जाता है। जिसमें राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणीकरण योजना की शुरुआत की गई है।
मरीजों और स्वास्थ्य संस्थानों के बीच विश्वास का निर्माण:
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत, स्वास्थ्य सेवाओं के सभी पहलुओं जैसे- चिकित्सा, नर्सिंग, प्रशासन, और रोगी देखभाल की गुणवत्ता को मानक के अनुरूप तैयार किया जाता है। ताकि स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी मरीजों को उच्च गुणवत्ता के साथ उचित सलाह और उसका सही उपचार मिल सकें। इसके अलावा यह मानक स्वास्थ्य कर्मियों की शिक्षा और प्रशिक्षण के स्तर को भी सुधारने में काफी मददगार साबित होता हैं, जिससे उनकी दक्षता बढ़ती है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है कि मरीजों और स्वास्थ्य संस्थानों के बीच विश्वास का निर्माण करता है। जब मरीजों को यह विश्वास हो जाता है कि वह उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं, तो उनकी संतोषजनकता बढ़ती है।
प्रत्येक प्रखंड से एक- एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का एनक्यूएएस सर्टिफाइड कराना लक्ष्य
डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि प्रथम चरण में प्रत्येक प्रखंड से एक-एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत प्रमाणीकरण कराने के लक्ष्य रखा गया है। इसके अनुरूप हेल्थ वेलनेस सेंटर को तैयार किया जा रहा है। साथ हीं मकेर के फुलवरिया का हेल्थ वेलनेस सेंटर का राज्य स्तर सर्टिफिकेशन हो चुका है। नेशनल सर्टिफाइड कराने के लिए अप्लाई किया जायेगा। साथ हीं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मासुमगंज का स्टेट टीम असस्मेंट कर चुकी है। निर्देश दिया गया है कि हेल्थ वेलनेस सेंटर पर जो कमी हो उसे पूरा करते हुए मानक के अनुरूप विकसित किया जाएं।