हमारी राष्ट भाषा हिंदी वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है!
सारण (बिहार) संवाददाता नितेश सिंह: नंदलाल सिंह महाविद्यालय जैतपुर-दाउदपुर के सेमिनार हॉल में हिंदी दिवस पर प्राचार्य डॉ केपी श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक दिवसीय साहित्यिक परिचर्चा सह काव्य -गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय था "वैश्विक परिपेक्ष में हिंदी भाषा और नई शिक्षा नीति"। इस मौके पर विचार प्रकट करते हुए प्राचार्य डॉ श्रीवास्तव ने कहा की नई शिक्षा नीति 2020 में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर बल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने की जरूरत है। हमारी राष्ट्र भाषा हिंदी वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बन चुकी है। प्रो. आफताब आलम ने कहा कि संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी भाषा को राजभाषा के रूप में अंगीकार किया। डॉ शेखर कुमार ने कहा कि हिंदी भाषा अभिव्यक्ति का सरल माध्यम है।डॉ श्रीभगवान ठाकुर ने कहा कि भारत युवाओं का देश है। हिन्दी में तकनीकी ज्ञान दिया जा रहा है।
डॉ आशीष कुमार ने कहा कि हमें हिन्दी वर्तनी पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डॉ रुबी चन्द्रा ने कहा कि हिन्दी भाषा के बिना काम नहीं चल सकता। डॉ संजय कुमार ने भी नयी शिक्षा नीति पर गंभीरता से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ प्रवीण पंकज व डॉ चंद्रभान राम ने भी हिंदी भाषा के महत्व पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।
उधर प्रखंड के महम्मदपुर स्तिथ बीसीएस सेंट्रल स्कूल में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे छात्र छत्राओ को प्रचार्य कमल किशोर सिंह बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ाया। मौके पर बीसीएस सेंट्रल स्कूल के डायरेक्टर श्री शैलेन्द्र उपाध्याय शिक्षक अमृतलाल सिंह तारकेश्वर मिश्रा सुधाकर तिवारी सत्येंद्र रावत संजीत सिंह लक्ष्मी दुबे पूजा यादव आदि मौजूद रहे।