स्वास्थ्य विभाग की हुई समीक्षात्मक बैठक! गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर दिए गए आवश्यक दिशानिर्देश!
अस्पतालों में प्रसव के दौरान उच्च जोख़िम वाली गर्भवती महिलाओं को सी- सेक्शन के तहत सावधानी पूर्वक प्रसव कराया जाना सुनिश्चित किया जाए: जिलाधिकारी
सरकार की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी और नोडल अधिकारियों के साथ की गई चर्चा:
सारण (बिहार): सरकार की अतिमहत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों को जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में शत प्रतिशत लागू करने और उसका सतत निगरानी और अनुश्रवण करने से संबंधित मासिक समीक्षा बैठक समाहरणालय स्थित सभागार में जिलाधिकारी अमन समीर के अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी अमन समीर, जिला उपविकास आयुक्त प्रियंका रानी, सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रविंद्र कुमार, डीआईओ डॉ चंदेश्वर सिंह, डीवीडीसीओ डॉ दिलीप कुमार, सीडीओ डॉ आरपी सिंह, एनसीडीओ डॉ भूपेंद्र कुमार, आईसीडीएस की डीपीओ कुमारी अनुपमा, डीपीएम अरविंद कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, डब्ल्यूएचओ डॉ रंजितेश, यूनिसेफ आरती त्रिपाठी, पीरामल स्वास्थ्य के हरि शंकर कुमार, यूएनडीपी रजनीश और सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी के अलावा जिले के सभी एमओआईसी, एचएम, बीएचएम, बीसीएम सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी अमन समीर ने अधिकारियों से गहनतापूर्वक चर्चा के बाद प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के दौरान गर्भवती महिलाओं को चार तरह की जांच के साथ ही आयरन की गोली खाने को लेकर आवश्यक दिशा- निर्देश दिया। क्योंकि जब तक गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच ठीक से नहीं होगी तब तक प्रसव के दौरान जच्चा व बच्चा सुरक्षित नहीं रह सकता है। जिससे प्रसव के दौरान मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य किया जा सकता है। इसके लिए आरोग्य दिवस के दिन अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा सिविल सर्जन और संबंधित अधिकारियों से जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल और अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसव के दौरान उच्च जोख़िम वाली गर्भवती महिलाओं को सी- सेक्शन के तहत सावधानी पूर्वक प्रसव कराए जाने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। क्योंकि प्रसव पूर्व जांच के दौरान ही गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया जाता है। ताकि प्रसव के दौरान किसी तरह की परेशानी नही हो। वहीं जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रोगी कल्याण समिति का पुनर्गठन, प्रतिदिन उपस्थिति के लिए एफआरएएस और भव्या एप्प को शत प्रतिशत पूरा कराने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी द्वारा प्रसव पूर्व जांच में प्रथम और चौथे की प्रतिशत बढ़ाने, सरकारी अस्पतालों में अधिक से अधिक संस्थागत प्रसव कराने, परिवार नियोजन में पुरुष और महिला नसबंदी को बढ़ावा देने के साथ ही अस्थाई साधनों में पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, अंतरा को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जाने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। क्योंकि आगामी 11 से 31 जुलाई तक विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाएगा। जिसको लेकर उसके पहले प्रतिदिन प्रत्येक कार्यक्रम को अलग अलग थीम के तहत पंचायती राज के जनप्रतिनिधि, जीविका के अधिकारी और कर्मियों का सहयोग लिया जाएगा।
जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सरकार और विभागीय स्तर पर मिलने वाली चिकित्सीय सुविधाओं को शत प्रतिशत उपलब्ध कराना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसे अनिवार्य रूप से हमलोगों को अपने जीवन में अपनी ओर से ।प्राथमिकताओं में शामिल करना होगा। क्योंकि सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग स्थानीय स्तर पर क्षेत्र की जनता का ख्याल करते हुए हर तरह की सुख सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इसके लिए बेहतरीन चिकित्सीय सुविधाओं के साथ- साथ व्यवस्था प्रदान करने के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पतालों में प्रसव के दौरान उच्च जोख़िम वाली गर्भवती महिलाओं को सी- सेक्शन के तहत सावधानी पूर्वक प्रसव कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही जिला और अनुमंडलीय अस्पताल में सभी प्रकार की जांच यथा - एक्सरे, अल्ट्रा साउंड, रक्त जांच शत प्रतिशत होना चाहिए। इसके अलावा गुणवत्ता पूर्ण सुविधाओ की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर आवश्यक कदम उठाकर सुदृढ़ किया जाए। ताकि अंतिम पायदान पर रहने वालों को गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिल सकें। जीरों डोज टीकाकरण अभियान को शत प्रतिशत सफलता के लिए जिला टास्क फोर्स का गठन से संबंधित विस्तृत जानकारी ली गई। वहीं डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति को लेकर गहन विचार विमर्श किया गया।
जिलाधिकारी ने सोनपुर, मढ़ौरा, बनियापुर और मकेर प्रखंडों में संचालित निजी नर्सिंग होम से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर जांच करने के बाद उसकी जांच रिपोर्ट अविलंब उपलब्ध कराया जाए। वहीं प्रसव पूर्व जांच और प्रसव से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को उपलब्ध कराते हुए उसमें तेजी लाने के लिए अलग से चर्चा की गई। जबकि मौसमी बीमारी में जल जनित रोग से बचाव को लेकर शत प्रतिशत दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और बाढ़ पूर्व तैयारी के अलावा डेंगू, चिकन गुनिया, मलेरिया और कालाजार बीमारी से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए ठोस कदम उठाए जाने पर चर्चा किया।
जिले में विभिन्न हादसों के बाद मृतकों या जख्मी व्यक्ति को पोस्टमार्टम (इंज्यूरी) रिपोर्ट के लिए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम जबकि प्रखंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को समय सीमा के अंदर उसको पूरा करना होगा। हालांकि उसकी निगरानी और अनुश्रवण को लेकर अलग से टीम को कार्य करने के लिए कहा गया। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का निगरानी और अनुश्रवण डीआईओ और डैम को करने के लिए नामित किया गया है।