छपरा: बिहार वक्फ बोर्ड की समीक्षा बैठक में शामिल हुए छपरा के मो. वसीम उर्फ फखरूद्दीन!
बिहार वक्फ बोर्ड की समीक्षा बैठक: वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और विकास पर व्यापक चर्चा!
पटना (बिहार): पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में बिहार राज्य सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के संबंधित औकाफ सचिव, मोतवल्ली की एक दिवसीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का संरक्षण, अवैध कब्जे, लंबित मुकदमों और विकास के पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करना था।
बैठक का आयोजन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, बिहार द्वारा किया गया था, जिसमें राज्य के सभी जिलों के मुतवल्ली और सचिव उपस्थित थे। सारण जिले के 1108 वक्फ एस्टेट के मुतवल्ली मोहम्मद वसीम उर्फ फखरूद्दीन भी इस बैठक में शामिल हुए। उन्होंने बैठक में वक्फ की संपत्तियों पर मौजूदा स्थिति को साझा किया और बताया कि वक्फ की संपत्तियों पर गैरकानूनी कब्जे और अवैध खरीद-फरोख्त की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इन घटनाओं के कारण वक्फ के राजस्व और मुतवल्लियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। सारण जिले में कुछ मामले सिविल कोर्ट में भी लंबित हैं, जो वर्षों से चल रहे हैं।
मोहम्मद वसीम ने यह भी सुझाव दिया कि यदि वक्फ बोर्ड सख्त कार्रवाई करता है, तो भविष्य में अवैध कब्जों को रोका जा सकता है और वक्फ की संपत्तियों का समाज के लिए सही इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बैठक का प्रमुख लक्ष्य बिहार में वक्फ की जमीनों के संरक्षण, अवैध दखल-लंबित मुकदमों और विकास के पहलुओं पर विस्तृत चर्चाएं करना था।
बैठक में वक्फ की खाली पड़ी जमीनों पर अस्पताल, विद्यालय, मार्केट, विवाह भवन, मस्जिद और अन्य चीजों के निर्माण के लिए मंजूरी देने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया। यह निर्णय लिया गया कि सुन्नी और शिया बोर्ड के मुतवल्लियों और सचिवों से समन्वय स्थापित करके विकास कार्यों को एक नया रूप दिया जाएगा, जिससे वक्फ की संपत्तियों से आय हो सके। इस आय का उपयोग मुस्लिम समुदाय के विधवा महिलाओं, जरूरतमंद लोगों और रोग से पीड़ित व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव और बिहार के सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, सचिव और मोतवल्ली शामिल हुए। उन्होंने वक्फ संपत्ति के संरक्षण और विकास के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।
इस बैठक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग हो और मुस्लिम समुदाय की आर्थिक और सामाजिक भागीदारी बढ़े, जिससे राज्य की सरकार की आमदनी में भी इजाफा हो।