सारण लोकसभा मतदान: कहीं उमड़ी भीड़ तो कहीं मतदान कर्मी करते रहे मतदाताओं का इंतजार!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज सिंह: सारण जिला मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूर तथा सरयु एवम गंगा नदी के बीच स्थित यूपी के बलिया जिले की सीमा से सटे सम्पूर्ण क्रान्ति के महानायक एवम समाजवादी आंदोलन के पुरोधा लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताब दियारा के मतदाता भी इसबार के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवाद तथा समाजवाद की दो धुरी में बंट गए।
बताते चलें कि चुनाव प्रचार के दौरान सिताब दियारा पहुँचे दोनों प्रमुख प्रत्यासी क्रमशः राजीव प्रताप रूढ़ी तथा डॉ रोहिणी आचार्य ने बिहार की सीमा में स्थित जेपी ट्रस्ट पहुँचकर जेपी को नमन किया था तथा आसपास के गाँव के लोगों से आशीर्वाद मांगा था। सिताब दियारा के लाला टोला बूथ संख्या 89 तथा 90 पर वोट देने जा रही महिलाओं ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित होकर उनलोगों ने राजीव प्रताप रूढ़ी के पक्ष में मतदान किया जबकि उसी बूथ पर कतार में खड़े कई पुरुष मतदाताओं ने राजद प्रत्यासी डॉ रोहिणी आचार्य के पक्ष में वोट डालने की बात कही। लगभग एक किमी पुरब स्थित जेपी के जाति तोड़ो आंदोलन का गवाह सिताब दियारा के चैन छपरा स्थित क्रान्ति मैदान के समीप स्थित मतदान केन्द्र से वोट देकर निकल रहे कई मतदाताओं ने बेवाकी से बताया कि उनलोगों ने अपने स्वजातीय मतदाताओं के पक्ष में मतदान किया है। मतदान केन्द्रों पर तैनात सुरक्षा के लिए तैनात अर्द्ध सैनिक बल के जवानों ने पूछने पर बताया कि सुबह के दो तीन घण्टों तक मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की लंबी कतार लगी हुई थी लेकिन धूप के तेज होने के साथ ही मतदाता रुक रुक कर आने लगे। सिताब दियारा के गरीबा टोला, आलेख टोला तथा बैजू टोला की बूथों पर भी दोपहर में मतदाता नदारद दिखे। सिताब दियारा के लाला टोला तथा बैजू टोला की बूथों पर भाजपा के कार्यकर्ता सक्रिय थे जबकि शेष बूथों पर मतदाता स्वविकेक से मतदान कर रहे थे। अधिकांश बूथों पर तैनात मतदान कर्मी व पोलिंग एजेंट मतदाताओं की प्रतीक्षा में पसीना पोंछते नजर आ रहे थे।
महाराजगंज लोकसभा अंतर्गत माँझी विधानसभा क्षेत्र की सीमा से सटे भदपा, बंगरा खुर्द, सिरिसियां, ढेलहारी, बीरम परसा तथा गोरिया छपरा, सेमरिया एवम महम्मद परसा आदि अधिकांश बूथों पर इण्डिया गठबन्धन के कार्यकर्ता काफी सक्रिय व उत्साहित नजर आ रहे थे तथा उन बूथों पर भी मतदाताओं की भीड़ देखी गई। जबकि एनडीए के समर्थक मतदाताओं वाले बूथों पर कार्यकर्ताओं की सक्रियता भी काफी कम देखने को मिली और मतदाताओं की लंबी कतार भी उन बूथों पर नही दिखीं। कई बूथों के बाहर खड़े युवकों की टोली अपने अपने दावों पर जूझ रही थी। एनडीए समर्थकों का कहना था कि ज्यादातर महिलाएँ मोदी के पक्ष में मतदान कर रही हैं जबकि इण्डिया गठबंधन समर्थकों का कहना था कि महिलाएँ डॉ रोहिणी आचार्य के पक्ष में चुपके चुपके मतदान कर रही हैं। वहीं ज्यादातर पुरुष मतदाता अपने स्वजातीय प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करते सुने गए। हालाँकि इस बार के चुनाव में चौक चौराहों, बाजारों अथवा मतदान केन्द्रों के बाहर कोई खास उत्साह नजर नही आया।