राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण- पत्र के लिए जिले के तीन एचडब्ल्यूसी का राष्ट्रीय स्तर की टीम ने किया मूल्यांकन!
गोपालगंज (बिहार): केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र के लिए जिले के थावे प्रखंड अंतर्गत धतीवना एचडब्ल्यूसी का 29 मई को, जबकि 30 को हथुआ प्रखंड के बड़कागांव एचडब्ल्यूसी का वहीं 31 मई को थावे के एकडेरवा आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) का मूल्यांकन किया गया है। जिले में पहली बार किसी एचडब्ल्यूसी का राष्ट्रीय स्तर की टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएस) का मूल्यांकन किया गया है। इन तीन सदस्यीय टीम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से सौविक दास, मनीष कुमार त्रिपाठी और डॉ देबुदत्ता दास को स्थानीय स्तर पर डीपीएम धीरज कुमार, जपाइगो की क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक बनानी मिश्रा, पिरामल स्वास्थ्य की ओर से दीपक सिंह सहित संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी सहित कई अन्य के द्वारा सहयोग किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक प्रशांत कुमार, डीपीएम धीरज कुमार, डैम नवीन कुमार, हथुआ और थावे के एमओआईसी डॉ अविनाश कुमार, बीएचएम खुशबू कुमारी, संबंधित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) निशा सिंह, कविता शुक्ला और नेहा गुप्ता, आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ता के अलावा एचडब्ल्यूसी की पूरी टीम उपस्थित थी।
कम से कम 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक मिलने पर मिलेगा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के तहत दो स्तरों पर प्रमाणीकरण की व्यवस्था है। जिसमें पहला राज्य स्तर पर राज्य स्तरीय टीम द्वारा मूल्यांकन में 70 प्रतिशत अंक हासिल करने के बाद ही स्वास्थ्य संस्थानों का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। उसके बाद दूसरे स्तर पर राष्ट्रीय प्रमाणीकरण के लिए पात्र बनता है। जिसको लेकर राष्ट्रीय स्तर की दो सदस्यीय टीम द्वारा जिले के विभिन्न आयुष्मान भारत- हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणिकरण के लिए मूल्यांकन करने के लिए जिले का भ्रमण कर रही है। क्योंकि अस्पताल में वह सभी तरह की व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए जो उस स्तर के अस्पताल के लिए अतिआवश्यक है। उन सभी विभागों के मूल्यांकन के बाद ही उसे मूल्यांकन टीम द्वारा अंक प्रदान किया जाता है। स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
एनक्यूएएस को लेकर जिले के तीन एचडब्ल्यूसी का राष्ट्रीय स्तर का मूल्यांकन के लिए तीन सदस्यीय टीम ने किया भ्रमण: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम धीरज कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम के तहत एक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा के राष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकन को लेकर तीन सदस्यीय टीम ने भ्रमण किया है। हालांकि मुख्य रूप से सात प्रकार की सेवाएं की गुणवत्ता की जांच और मूल्यांकन किया गया है। जिसमें गर्भावस्था एवं प्रसव में देखभाल, बचपन और किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक सेवाएं और अन्य प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, सामान्य संचारी रोगों का प्रबंधन तथा तीव्र साधारण बीमारी और छोटी बीमारियों के लिए बाह्य रोगी देखभाल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम सहित संचारी रोगों का उचित प्रबंधन, नवजात और शिशु स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं और गैर- संचारी रोगों की जांच, रोकथाम, नियंत्रण और उचित प्रबंधन है। मालूम हो कि विगत अक्टूबर 2023 में तीनों हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) का राज्य स्तरीय प्रमाणीकरण हुआ था। जिसके बाद ही राष्ट्रीय स्तर की टीम मूल्यांकन करने के लिए आई हुई है।