बिहार में दहकती राजनीति में हुए उथल पुथल के बीच पलटू राम पर वायरल रचना!
सजल छछुन्दर माथ पर......
मन के बतिया कहिले।
जेकरे पलड़ा भारी परे,
ओकरे साथे रहिले....
गज़बे भइल समाज ए भइया,
सुझत नईखे आज।
सजल छछुन्दर माथ पर,
चमकत दमकत ताज।।
नाहीं नियम सिद्धांत बा कवनो,
नहीं हाया लाज।
बस स्वारथ के फेर में,
उलझल सकल समाज।।
कुर्सी बड़ूवे माई बाबू,
कुर्सी बा भगवान।
बस कुर्सी के होड़ में छिपल,
सबकर नैतिक ज्ञान।।
कुर्सी के त मोल ना जाने,
कुर्सी खातिर मार।
बा कुर्सी के फेर में डूबल,
सबकर सोच विचार।।
कहस बिजेन्दर इ कुर्सी ला,
बा ईमान डूबवले।
फर्जी बात बना के देखऽ,
बा सबके उलझवले।।
✍️बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू)
गैरत पुर, (मांझी) सारण,
बिहार (mob: 7250299200)