बीकेबी हाई टेक स्कूल ताजपुर में गाँधी जयंती के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन!
बच्चों ने सत्य, अहिंसा और प्रेम का सीखा पाठ!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: गाँधी जयंती के अवसर पर माँझी प्रखंड के ताजपुर स्थित बीकेबी हाईटेक स्कूल में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के प्रारंभ में आगत अतिथियों के द्वारा गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित की गई। तत्पश्चात संस्था के संस्थापक शिक्षक बी के भारतीय के द्वारा गांधी जी का प्रिय भजन 'रघुपति राघव राजा राम' गायन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। कार्यक्रम के अध्यक्षता शिक्षक लाल बाबू सिंह एवं मंच का संचालन सीमा कुमारी ने किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रोफेसर जनार्दन सिंह ने महात्मा गांधी के जीवनी पर प्रकाश डाला व महात्मा गांधी को इस पृथ्वी पर अवतार माना। साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक ऐसे पुरुष थे जो अपना देश ही नहीं बल्कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नागरिकता प्राप्त किया। उन्हीं के जन्म दिवस पर विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है। वही साहित्यकार व शिक्षक अर्जुन यादव ने महात्मा गांधी के प्रेरणादायक घटनाओं का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों को उनके आदर्शों पर चलने का आग्रह किया तथा कहा कि अगर महात्मा गांधी को समझना है तो एक परसेंट तो कम से कम महात्मा गांधी बनना पड़ेगा। वहीं सेवानिवृत्ति शिक्षक उमेश सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी की जीवनी उनके द्वारा लिखित आत्माकथा में मिलता है, जिसे हम पढ़कर उनके जीवन को समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी माता-पिता की सेवा करते हुए कैसे उन्होंने विश्व स्तर पर पहचान बनाई हमें भी इस पर अमल करना चाहिए। वही कार्यक्रम में उपस्थित कवि और शिक्षक विजेंद्र कुमार तिवारी ने अपने द्वारा लिखित कविता से सब का मन मोह लिया। इस कार्यक्रम को शिक्षक वीर बहादुर यादव, आचार्य धनंजय दुबे तथा सिराजुद्दीन अंसारी एवं पत्रकार मनोज सिंह ने भी सम्बोधित किया।
भाग लेने वाले छात्र व छात्राओं में सीमा कुमारी, निशा कुमारी, प्रियांशु कुमार, आदर्श कुमार, ख़ुशी कुमारी, रागिनी कुमारी, तनु कुमारी, आकाश कुमार, बिट्टू कुमार, ममता कुमारी, लवली कुमारी व प्रिंस कुमार के प्रदर्शन सराहनीय रहा। वही कार्यक्रम में आगत अतिथियों के द्वारा श्रेष्ठ प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में संस्था के संस्थापक बी के भारतीय ने धन्यवाद ज्ञापन किया।