दिव्यालय एक व्यकितत्व परिचय में हुआ साक्षात्कार!
होस्ट- किशोर जैन
रिपोर्ट- सुनीता सिंह " सरोवर "
/// जगत दर्शन न्यूज़
प्रश्न- नव्य- मानवतावाद क्या है? आज के परिप्रेक्ष्य में यह किस प्रकार प्रासंगिक है? समझायें।
उत्तर- नव्य-मानवतावाद एक मानवीय दृष्टिकोण है, जिसके विषय में हमारे आनन्द मार्ग के मार्ग गुरु भगवान श्री श्री आनन्द मूर्ति जी ने कहा कि यह मानवीय प्रेम और सौहार्द को दर्शाता है। पशु पक्षी ,जड चेतन सब से प्रेम और सौहार्द की भावना का पाठ सिखाता है तथा अध्यात्म को एक मिशन के रूप में ग्रहण कराता है। नव्यमानवता वाद भक्ति तत्व पर आधारित सद् मानव की दृष्टिकोण है जिससे अहम महत और हीन भाव से मन ऊपर उठ जाते हैं
प्रश्न- क्या नव्य - मानवतावाद से सामाजिक समरसता संभव है?
उत्तर- हाँ बिलकुल नव्य - मानवतावाद से समरसता संभव है, जातिवाद से परे ऊॅंच- नीच की दीवार को गिरा कर मानव - मानव से जुड़े, सबका विकास हो, सबके लिए एक सा कानून हो, तो निश्चित तौर पर सामाजिक समरसता संभव है।
प्रश्न- नव्य- मानवतावाद क्या मजहब या धर्म से जुडा़ है? पृथ्वी पर जाति, मजहब, सम्प्रदाय, रंग और नस्ल भेद के कारण होने वाले द्वंद, लडा़ई- झगड़े, युद्ध का समाधान क्या नव्य- मानवतावाद से संभव है?
उत्तर- पृथ्वी पर होने वाले हर एक जाति, मजहब, संप्रदाय, रंग और नस्ल भेद इन सबका समाधान नव्य- मानवतावाद ही है, जो इंसान को इंसानियत सिखाता है, समानता का अधिकार दिलाता है और युद्ध की विभिषिका से भी उबारता है।
(भाग-2)
पिछले भाग में हमने नव्य - मानवतावाद से जुड़े बिंदुओं पर बहुत ही अनमोल ज्ञान हमने संचित किया था, परंतु समयावधि समाप्त होने के कारण कई प्रश्नों पर चर्चा नही हो पाई थी, जिसके लिए हमारे आचार्य गुणीन्द्रानन्द जी ने पुनः अपना बहुमूल्य समय हमें दिया!
व्यक्ति विशेष परम आदरणीय आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत जी ने 1990 में पूर्ण संयास लिया, और तब से लेकर आजतक उनके जीवन का हर एक क्षण मानव जाति के कल्याण हेतु बीत रहा है, उनसे बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए।
प्रश्न- आजकल दुनिया में हो रहे युद्ध का समाधान क्या है?
उत्तर- नव्य-मानवतावाद एक ऐसा पहलू है, जिसे अपनाकर मानव - मानव के प्रति उद्धार सोच रखने लगेगा मैं और मेरा के भेद को भुला कर सिर्फ इंसान और इंसानियत के लिए कार्य करेगा, आजकल जो युद्ध की विभीषिका हर ओर छाई हुई, कुछ देश हमास का सहयोग कर रहे हैं, तो कुछ इजरायल का, अगर युद्ध को बढ़ावा न देकर शांति की पहल की जाए तो चहुओर शांति होगी, ये इतना आसान नहीं है, पर इसको रोकने का कार्य भी नव्य- मानवतावाद ही कर सकता है।
प्रश्न- क्या नव्य-मानवतावाद से सामाजिक समरसता संभव है?
उत्तर- हाँ बिलकुल नव्य - मानवतावाद से समरसता संभव है, जातिवाद से परे ऊॅंच- नीच की दीवार को गिरा कर मानव - मानव से जुड़े, सबका विकास हो, सबके लिए एक सा कानून हो, तो निश्चित तौर पर सामाजिक समरसता संभव है।
प्रश्न- नव्य- मानवतावाद क्या मजहब या धर्म से जुडा़ है? पृथ्वी पर जाति, मजहब, सम्प्रदाय, रंग और नस्ल भेद के कारण होने वाले द्वंद, लडा़ई- झगड़े, युद्ध का समाधान क्या नव्य- मानवतावाद से संभव है?
उत्तर- पृथ्वी पर होने वाले हर एक जाति, मजहब, संप्रदाय, रंग और नस्ल भेद इन सबका समाधान नव्य- मानवतावाद ही है, जो इंसान को इंसानियत सिखाता है, समानता का अधिकार दिलाता है और युद्ध की विभीषिका को भी मात दे सकता है।
प्रश्न- नव्य- मानवतावाद किस प्रकार ईश्वर- भक्ति से जुड़ा है?
उत्तर- ईश्वर ने जब धरती बनाई, तब धरा के सौंदर्य और उस पर उगने वाले पेड़- पौधे, फल - फूल इन सबका उपभोग करने के लिए मानव और जीव - जन्तुओं को भी बनाया, ईश्वर द्वारा प्रदत्त संपदा सबके लिए समान रूप से निर्मित है, इसलिए तो हमारी पुराने ग्रंथ और पुराणों में भी इसका जिक्र किया गया है, जहाँ सबको बराबर का अधिकार है, भेद- भाव, जाति- पाति तो मनुष्यों ने उत्पन्न किया है, नव्य- मानवतावाद हमें सिखलाता है, की हम ईश्वर द्वारा प्रदत्त धन का सही उपयोग करें और सबको करने दे, इसे व्यर्थ न गवाएं।
प्रश्न- नव्य- मानवतावाद एक स्वस्थ मानव समाज के निर्माण में किस प्रकार योगदान दे सकता है?
उत्तर- जी नव्य- मानवतावाद एक स्वस्थ समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाएग, जब मनुष्य जाति - महजब के भेद से ऊॅंचा उठ जाएगा जब मनुष्य केवल मनुष्य रहे न कोई छोटा न कोई बड़ा तो निश्चित तौर पर एक स्वस्थ समाज की बुनियाद पड़ेगी।
अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन ने अपने अतिथि को धन्यवाद दिया। इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या' और पटल अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक मंजिरी "निधि" 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया कि इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे हम देख सकते हैं या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा सकता है।