जीवित्पुत्रिका व्रतियों कि रामघाट पर उमड़ी भीड़! स्नान पश्चात सुनी कथा! पुलिस रही मुस्तैद!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर माँझी के प्रसिद्ध रामघाट पर सरयु में स्नान को लेकर शुक्रवार को महिला व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ी। दोपहर में उमड़ी भीड़ के बीच हजारों व्रतियों ने पवित्र सरयु नदी में स्नान कर नहाए खाए से पर्व प्रारंभ किया। तिथि को लेकर उपजे मतांतर के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाओं ने शुक्रवार को ही व्रत का अनुष्ठान किया। उक्त पर्व को लेकर रामघाट पर मेला जैसा दृश्य बना रहा। अचानक भारी भीड़ जमा होने के कारण माँझी चट्टी से लेकर रामघाट तक एवम मांझी छपरा मुख्य सड़क पर भी जाम लग गया। घाट पर श्रृंगार प्रसाधन सामग्री के अलावा झूला ,जंपिंग, गोलगप्पे व छोला जलेबी आदि की दुकानों पर भारी भीड़ देखी गई। उधर नदी में किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सीओ धनञ्जय कुमार के निर्देश पर नदी किनारे गोताखोर तैनात रहे और नाव पर तथा पैदल माँझी थाना पुलिस गश्त लगती रही। शुक्रवार की सुबह से ही दूर दराज की महिलाएं अपने-अपने संसाधन से नदी किनारे जुटने लगी। वही दूसरी तरफ घाट पर दर्जन भर कथा वाचक अपने अपने खेमें में भीड़ एकत्रित कर कथा वाचन कर रहे थे। जिसे सुनने के लिए व्रती महिलाएं बड़ी संख्या में जुटी हुई थी। उधर स्थानीय हनुमान वाटिका मन्दिर परिसर में पहुँचकर महिला व्रतियों ने भगवान भोले शंकर का जलाभिषेक किया तथा राम भक्त हनुमान की पूजा अर्चना की। इससे पहले माँझी नगर पंचायत के सफाई कर्मियों ने माँझी रामघाट की भरपूर सफाई की ताकि व्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
महिलाएं क्यों रखती है व्रत!
ग्रामीण इलाकों में जीवित पुत्रिका व्रत को “जीउतिया” के नाम से जाना जाता है। जीवित्पुत्रिका यानी जीवित पुत्र के लिए रखा जाने वाला व्रत। यह व्रत वे सभी सौभाग्यवती महिलाएं रखती है जिनको पुत्र/पुत्री होते हैं और साथ ही जिनके पुत्र नहीं होते वह भी पुत्र कामना और बेटी की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैं।
निर्जला व्रत रहकर व्रती अपने पुत्रों की दीर्घायु होने की करती है कामना!
पुत्र की दीर्घायु की कामना को लेकर रखे जाने वाला यह जीवित्पुत्रिका व्रत शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पूरे प्रखंड की माताओं ने जीवित्पुत्रिका व्रत के लिए निर्जला व्रत रहकर अपने पुत्रों की दीर्घायु होने की कामना की.।
व्रतियों ने रेशम की माला अपने बच्चों को पहनाया!
पुरोहितों के द्वारा सभी व्रतियों को विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चना सम्पन्न कराई गई। समूह में सभी व्रतियों और श्रद्धालुओं को पंडित पुरोहित के द्वारा जीमूतवाहन की कथा का श्रवण कराया गया। पर्व को लेकर महिलाओं में गजब का उत्साह रहा। इस दौरान युवा से लेकर वृद्ध महिलाओं ने अपने बच्चों की कुशलता के लिए निर्जला व्रत रखा। वहीं, व्रती माताओं द्वारा शनिवार को सूर्योदय के बाद अपने जितिया की डाली में चढ़ाए गए रेशम की माला को अपने बच्चों को पहना कर वे उपवास तोडेंगी साथ ही पुत्र-पुत्री-पौत्र आदि की लंबी उम्र के लिए मंगलकामना करेगी।