सुहागिनों का सबसे उत्साहवर्धक व्रत 'करवा चौथ!

✍️राति चौबे (नागपुर, महाराष्ट्र)
/// जगत दर्शन न्यूज़
सालों पहले हम उनसे मिले आौर हमसे। हम उनके हो गए। वो हमारे। माँग में सिंदूर भरा और हम जन्मजन्मान्तर को उनके हो गए। यह कैसा रिश्ता है? ये कैसी रीत है? चुटकी भर सिंदूर ने जिदंगी कर दी सदा सदा को उनकी और आज इसी व्रत को सभी सुहागिने सज धज के उत्साह उमंग निष्ठा के साथ कर रही है।आज भारत में ही नही विश्व के कई क्षेत्रों में विभिन्न रूपों मे यह सुहाग उत्सव मनाया जा रहा है। हर महिला दुल्हिन नजर आवेगी। हर महिला आज मुहब्बत के लिबास मे लिपटी नजर आवेगी। आज उनके सजने का ढंग भी निराला ही रहेगा। अपने रिश्तों को अहसासों की रेशमी डोर में बांध, सबकी वफा का रंग, चाहत का रंग कुछ निराला ही रहेगा।
यह एक प्यार भरा अपनत्व से परिपूर्ण,
त्याग व अहसासों से लिप्त व्रत है। रिश्तों को प्रगाढ करता है। करवा चौथ का यह उपवास भी कुछ अर्थ रखता है। इसकी पूजन की हर वस्तु कुछ कहती नज़र आती है जो महत्वपू्र्ण है।
इस दिन मिट्टी के करवे की पूजा जल
भर कर की जाती है। इसका बड़ा गूढ़ रहस्य है। मेरी नजर मे! जिस प्रकार 'करवा' कच्ची मिट्टी का बना होता है- थोडी़ सी चूक हुई हाथ से छूटा औ' जमीन पर गिरा तो टूट कर बिखर जाता है और उसको सहेजना कठिन हो जाता है। ठीक उतना ही नाजुक पति पत्नी का रिश्ता होता है। जरी सी भी असावधानी हुई कि करवे क् समान वह टूट कर बिखर जाता है और लाख कोशिसो के बावजूद फिर उसे सहेजनी मुश्किल हो जाता है। करवे मे पानी भरनें का अर्थ भी यही है कि पति पत्नी का रिश्ता तरल, स्वच्छ पारदर्शी होना, दिखावा नहीं चाहिये जल के जैसा जरूरी, शीतलता होनी चाहिये तभी जीवन सुखी रह सकता है।
करवाचौथ के दिन यह व्रत चाँद देखकर ही व्रत तोडा़ जाता है। कहने का मतलब है की पति पत्नी के सबंध शीतलता प्रदान करने वाले हो आौर चाँद के समान एकनिष्ठ हो, अखंड हो। अतः जोडी़ अखंड रहे पति दीर्घायु हो।
इस दिन दोपहर को भी पूजा करके सूरज को जल का अर्क दिया जाता है। उसका मतलब यही है कि सूरज के तेज ताप के समान जीवन है। सूरज की तेज किरणें जल के अर्क देने से शीतल होती है और रात में चाँद को अर्ध देना पति पत्नी के रिश्तों को शीतलता देने प्रगाढ़ता, विश्वास
प्यार का प्रतीक है करवा चौथ। आत्मविशवास समर्पण का प्यारा व्रत है। करवों में गेहूँ की बालियाँ रखी जाती है जो कहती. कि घर धन धान्य से परपूर्ण रहै,और सदैवऔर हर सुविधा रहे। कोई भी कमी ना रहे ह फलीभूत रहे, खुश रहे।
एक प्रकार से यह त्यौहार अति उर्जामय है,जो विवाहित पलों को पुनः याद दिलाता है और फिर हमें यूं ही रोमामचित करता है। अहसास करवाता, याद भी दिलाता जीवन अभी भी उतना ही दिलकश सुदंर है, आज भी हम युवा ही है जो पहली करवाचौथ पर थे। जीवन संगीतमय मधुर है बस.जीना आना चाहिये।