महज तेरह वर्षों में ही ताजपुर पुल जर्जर!
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: ताजपुर में दहा नदी पर बने पुल की स्थिति महज तेरह वर्षों में ही जर्जर वह भयावह हो चुकी है। पुल में जगह-जगह दरारें पड़ जाने के कारण वर्षो पहले जिला के वरीय अधिकारियों के निर्देश पर सुरक्षा की दृष्टि से विभाग द्वारा पुल पर बड़े वाहनों के आगमन पर रोक लगा दी गई थी और साथ ही पुल के दोनों तरफ बैरिकेडिंग कर दिया गया था, लेकिन पुल के निर्माण या मरम्मती की दिशा में विभाग द्वारा अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। वहीं अब बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगने से ताजपुर से सिवान के लिये चलने वाले बड़े वाहन अब नही सकते है जिससे क्षेत्रीय लोगों में काफी आक्रोश है।
बताते चलें कि पहले इसी पुल के रास्ते बड़े वाहन भी जाया करते थे, लेकिन अब बड़ी वाहनों पर रोक के चलते कुछ दिनों तक नही जाते थे। लेकिन अब स्थिति और भी अधिक भयावह हो चुकी है। कब यह पुल गिर जाएगा कोई ठीक नही है। क्योंकि इस टूटे हुए पुल के रास्ते बड़े वाहन भी जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को अनदेखा कर चलने लगे हैं। और तो और इस पर स्टैंड की तरह हमेशा छोटे और बड़ी दर्जनों गाड़ियाँ भी लगी रहती है। भार क्षमता से अधिक के लोड से बड़े हादसे को टाला नही जा सकता है।
समस्या सिर्फ इतनी ही नही है। स्थानीय लोगों के अनुसार शाम के समय उक्त पुल के दोनों तरफ दो दर्जन से भी अधिक की संख्या में मुर्गा मिट और मछली की दुकान सज जाती है, जहाँ उक्त पुल पर सैकड़ो खरीददारों की भीड़ लगी रहती है। लोग कहते है कि स्वक्ष सुंदर पुल पर कचड़ा फैला हुआ रहता है। गन्दगी फैली रहने से सभ्य लोगो का पुल पर आना जाना गुनाह बन गया है। वही स्थानीय प्रसासन मूक दर्शक बनी हुई है।