नशाखोरी का कुप्रभाव! नशे की लत से कैसे छुटकारा पाएँ?
/// जगत दर्शन न्यूज़
लेखिका: व्यंजना आनंद 'मिथ्या'
नशे के प्रभाव में व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती हैं। ऐसे में व्यक्ति अनेक ऐसे असामाजिक कार्य कर देता है, जिससे समाज मे तनाव उत्पन्न होता हैं। भारत में सीमा पार से भी नशे का कारोबार फलफूल रहा रहा है। पैसे के लालच में अनेक लोग इसमे लिप्त रहते है। पूर्व काल से ही मदिरा का व्यवहार योद्धाओं को युद्ध के समय में दिया जाता था। पर यह धीरे - धीरे आदिवासियों के बीच लत के रूप में यह फैल गयी, जिसका बहुत ही बुरा असर समाज पर पड़ा, जिस कारण उस काल में ही मद्य पान को निषिद्ध किया गया।
यह प्रबुद्ध वर्ग में तो फैला ही है, साथ ही गरीब वर्ग में बुरी तरह से इसकी जकड़ है -सिगरेट, बीड़ी, गुटका, टेबलेट, गुल, मदिरा, अफीम, चरस, भांग, गाँजा, ड्रग्स आदि जिसका कुप्रभाव सिर्फ शरीर पर ही नहीं पड़ता, हमारी आर्थिक स्थित भी इससे डबाडोल हो जाती है। परिवार में अशांति फैल जाती है। मानव मन जड़त्व को प्राप्त करता है और अपने चारोंओर अशांति फैलाए रखता है।
कई से सुनने में आया है अफीम, गुल पेट की सफाई करता है, पेट के रोग को दूर भगाता है, पर यह गलत धारणा है। वास्तव में यह कर्म शक्ति को नष्ट करता जाता है, मनुष्य की मति समाप्त हो जाती है। वह पागल की तरह झुमता रहता है। नशीले हर पदार्थ हमारे बुद्धि को समाप्त करता ही है, साथ में शरीर के अंगों को कमजोर कर देता है, सिगरेट तो फेफड़ा जला देता है। शराब लिबर को नष्ट करता है। हम कैंसर जैसे रोग से ग्रसित हो जाते हैं। पुरुष का पौरुष समाप्त हो जाता है। मनुष्य अपराधी बन जाता है। नशा पूर्ति के लिए, मति न रहने की वजह से गलत कांड भी करने लगता है।
अब आते हैं हम चाय, काफी तथा कोको पर, जिसके लिए सभी कहते हैं यह थकान दूर करती है। आज घरों में फैशन के रूप में यह आ चुका है। अभिभावक स्वयं अपने हाथों अपने छोटे छोटे बच्चों को जहर दें रहें है।
क्या आपको पता है चाय, काफी, कोको में कम मात्रा में पर नशे की मात्रा होती ही है। इसमें पाया जाने वाला जहर का नाम टैनिक एसिड है, जो पाचन शक्ति को कम करता है। नींद कम करता है, साथ ही यह रजोगुणी होता है। दो कप से ज्यादा बुजुर्गों के लिए भी यह तामसिक प्रभाव छोड़ता है। बच्चों और जवान को यह लेना ही नहीं चाहिए। वृद्ध भी कोशिश करें इसके चंगुल से बाहर आने की।
नाशापान के त्रिदोष ----
1) नशा की चीज न मिलने पर वह कुलबुलाने लगता है, किसी काम में मन नहीं लगता।
2) बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।
3) यकृत, कंठ, किडनी, फेफड़ा अवश्य अक्रांत होता ही है साथ में कब्ज की भयंकर शिकायत हो जाती है।
उपचार -
# सबसे पहला उपचार दृढ़संकल्प है तभी कोई लत छूट सकती है।
# हर दिन कम से कम 8 बार शीतली और 8 बार शीतकारी कुंभक करें।
# साधना संबधित प्राणायाम के पूर्व या पश्चात एक धंटा तक शीतली और शीतकारी कुंभक करना निषिद्ध है।
जो व्यक्ति नियमित शीतली और शीतकारी प्राणायाम करता है उस व्यक्ति के शरीर का सिस्टम इस तरह का हो जाता है कि वह नशीली चीज का सेवन नहीं कर पाता और उससे दूर हो जाता है। उसके सेवन की इच्छा भी मर जाती है।
होम्योपैथिक दवा
NUX VOMICA10M की 2 बूंद ,
पानी के साथ महीने मे एक बार शाम को सोने से पहले पीड़ित व्यक्ति को बिना बताए देना है। साथ मे होम्योपैथिक दवाई SULPHUR 200 पावर की 2 बूंद, पानी के साथ रोजना एक बार सुबह उठते ही देना है।
घरेलू नुस्खे
तुलसी के पत्ते- तुलसी के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर की अशुद्धियां को साफ करने का काम करते हैं। नियमित रूप से तुलसी के चार पत्ते सुबह चबाने से शराब पीने की इच्छा में कमी आती है, जिसके कारण शराब की लत से छुटकारा मिलता है।
1/2 kg अजवायन +400 g पानी में औटें। 150 gm पानी रह जाए तो शीशे की शीशी में छान कर फ्रीज मे रख लें।
नशे की तलब उठे तब पेशेंट को दें।
नशा उतारने के लिए 5 घरेलू उपाय:
1 नींबू पानी लें नींबू पानी हैंगओवर उतारने का सबसे अच्छा तरीका है। ...
2 दही का सेवन करें दही शराब का नशा उतारने में बेहद फायदेमंद होता है। ...
3 नारियल पानी पिएं हैंग ओवर उतारने का नारियल पानी भी एक बेहतर तरीका है। ...
4 केला खाएं ...
5 अदरक का सेवन करें
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