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रीना सिंह |
दुनिया की सबसे बड़ी गंभीर समस्या है बढ़ती जनसंख्या, महिलाओं की सशक्तिकरण पर सरकार जोर दे!
भारत जैसे देश में अबिलंब जनसंख्या नियंत्रण कानून पारित हो: सावित्री चौधरी
रिपोर्ट: पुनीत कुमार
जन संघ सेवक मंच महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा की वरिष्ठ नेत्री आयरन लेडी रीना सिंह ने एक प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आज देश की सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या है और इस पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर दूसरी बढ़ती समस्याओं पर रोक लगाए।इसके लिए उन्होंने बताया कि आगामी अठारह मार्च को सावित्री चौधरी के अगुवाई में जंतर मंतर पर दो दिवसीय अनसन कर सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग को मजबूती प्रदान किया जायेगा।सावित्री चौधरी ने उन सभी देशवासियों से उक्त तिथि पर जंतर मंतर पहुंच कर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील किया जो लोग इस कानून को पास कराना चाहते हैं।
वर्तमान समय में जन्संख्या दुनिया की इतनी बड़ी गंभीर समस्या है की बाकी सभी समस्या का जड़ भी यही बन चुकी है। जैसे प्रदुषण, पानी की समस्या, खाद्य पदार्थों की कमी, महंगाई इत्यादि। यही कारण है की जनसंख्या को लेकर कई सारे देश इससे जुड़े क़ानून बनाने पर मजबूर हैं।
जनसंख्या नियंत्रण कानून किसी भी देश में वहाँ की बढ़ती जनसंख्या दर को कम करने या रोकने का एक जरिया है। जिसके तहत देश की सरकार अपने नागरिकों के लिए बच्चे पैदा करने से जुड़ा क़ानून लेकर आती है और उस कानून को किसी भी हालात में तोड़ने पर कानूनी रूप से सजा दी जाती है। जैसा की भारत चीन की जनसंख्या को 2045 तक पर कर चुकी होगी, तो इसी रफतार को और कम करने के लिए भारत की वर्तमान सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण बिल के अंतर्गत ही दो बच्चों की पॉलिसी के ड्राफ्ट को सामने लेकर आई थी। वर्ष 2019 में इसे राज्यसभा के नामित सदस्य राकेश सिन्हा जी द्वारा पेश भी किया गया और इस पर राज्यसभा के लगभग 125 सदस्यों ने हस्ताक्षर भी कर दिया है। लेकिन अब भी इस बिल को कानून में बदलने का इंतज़ार है।
हमारी पृथ्वी पर मौजूद लगभग सभी जरूरी संसाधन काफी सिमित मात्रा में उपलब्ध है। लेकिन दिन-प्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या के कारण कहीं न कहीं प्रत्यक्ष रूप से दबाव अगर देखा जाये तब वो इन संसाधनों पर ही हो रहा है। जरुरत की चीज़ें महँगी होती जा रही है। प्रदुषण और ग्रीन हाउस गैसें अधिकाधिक मात्रा में बढ़ रही है। जिसके कारण भिन्न-भिन्न और जानलेवा रोग उतपन्न हो रही है। इन्ही सब संसाधनों के बीच बेहतर संतुलन बनाये रखने के लिए भारत ही किसी भी देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरुरत पड़ेगी।
अगर बात की जाए भारत की तब यह देश क्षेत्रफल की दृस्टि से भले ही दुनिया में सातवें स्थान पर हो लेकिन जनसंख्या के मामले में यह दुनिया में दुसरे स्थान पर है। इसके अलावा जनसंख्या वृद्धि दर के मामले में यह चीन से काफी तेज़ है और ऐसी उम्मीद जाती जा रही है की 2045 के अंत तक जनसंख्या के मामले में भारत चीन को काफी पीछे छोड़ देगा। जिससे देश में मौजूद सिमित संसाधों पर काफी तेज़ी से दबाव पड़ेगा। भविष्य में ऐसी समस्या सामने न आये इसलिए भरत सरकार जनसंख्या नियंत्रण क़ानून लाना चाहती है।
जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है कि महिलाओं को शशक्त बनाया जाये। परिवार नियोजन को बढ़ावा दिया जाय।परिवार नियोजन जैसी जनसंख्या नियंत्रण योजनाओं से जुड़ने पर सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाये। जिससे बाकि समाज की महिलायें और परिवार भी प्रेरित हो सकें।
महिलाओं और बेटियों की शिक्षा व्यवस्था पर जोर दिया जाए और शिक्षा व्यवस्ता को उबाऊ न बनाकर कर मनोरंजक बनाया जाये। चीन की राह पर चलते हुए एक या दो बच्चों की निति को सरकार द्वारा अपनानी और लागू करवानी चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लागू करने से जनसंख्या विस्फोट पर लगाम लगेगा।
संसाधनों की कमी से जुडी समस्याओं में कमी आएगी। प्रकृति का दोहन कम होगा। प्राकृतिक संसाधनो की सुरक्षा हो सकेगी। काफी हद तक ग्लोबल वार्मिंग और वैश्विक प्रदुषण से राहत मिल सकेगी। महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ सम्बन्धी सेवाएं बेहतर होगी। महिलाओं की पारम्परिक भूमिका में काफी बदलाव आएँगे। पृथ्वी की स्थिरता सुनिश्चित हो सकेगी। गरीबी कम होगी।जनसंख्या नियंत्रण के नुकसान जनसंख्या नियंत्रण के तो कई सारे फायदे हैं लेकिन इसके कई सारे नुकसान या कहें इसे लागु करने के बाद कई सारी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।