सोनपुर मेला में थिएटर कलाकारों की एचआईवी–टीबी जांच, स्वास्थ्य विभाग की अनोखी पहल
सारण (बिहार): हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला इस वर्ष मनोरंजन, आस्था और व्यापार के साथ-साथ स्वास्थ्य सुरक्षा का केंद्र भी बन गया है। भीड़भाड़ वाले वातावरण और बाहरी राज्यों से आने वाले कलाकारों की बड़ी संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल की। विभाग की टीम ने मेला परिसर के विभिन्न थिएटरों में कार्यरत डांसरों और कर्मियों की एचआईवी, टीबी और सिफलिस की स्क्रीनिंग की।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए इस विशेष अभियान में 50 से अधिक महिला और पुरुष कलाकारों के सैंपल लिए गए। जांच के साथ ही उन्हें बीमारी के लक्षणों, संक्रमण की प्रक्रिया और सुरक्षित व्यवहार से संबंधित विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध कराई गई। टीम ने बताया कि भीड़भाड़ वाले आयोजनों में कार्यरत लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम अधिक होता है, इसलिए नियमित जांच अत्यंत आवश्यक है।
यक्ष्मा विभाग के डीपीसी हिमांशु कुमार ने कहा कि एचआईवी और टीबी जैसी बीमारियों से घबराने की नहीं, बल्कि इनके प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कलाकारों को समझाया कि सुरक्षित आदतें अपनाना, नियमित जांच कराना और शुरुआती लक्षणों पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना ही बचाव का सर्वोत्तम उपाय है। टीबी के प्रमुख लक्षण—दो सप्ताह से अधिक लगातार खांसी, अनायास वजन कम होना, बुखार और रात में पसीना आना—के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।
जांच टीम ने स्पष्ट किया कि सभी जांच प्रक्रियाएं पूरी तरह गोपनीय होती हैं और यदि किसी व्यक्ति का रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो तुरंत इलाज एवं परामर्श प्रदान किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि सोनपुर मेला जैसे बड़े आयोजनों में ऐसे स्वास्थ्य शिविर न केवल कलाकारों और कर्मियों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं, बल्कि समाज में भी स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने का माध्यम बनते हैं।
थिएटरों में काम करने वाले कलाकारों ने स्वास्थ्य विभाग की इस अनूठी पहल की प्रशंसा की और कहा कि इस प्रकार के शिविर उन्हें अपनी सेहत को लेकर अधिक सजग बनाते हैं। विभाग ने आगे भी मेला परिसर में विभिन्न श्रेणी के आगंतुकों, कर्मियों और कलाकारों के लिए स्वास्थ्य जांच एवं जागरूकता अभियान जारी रखने की घोषणा की है।
इस अभियान में गौतम कुमार (स्वास्थ्य प्रबंधक, बनियापुर), हिमांशु शेखर (डीपीसी, NTEP), कुमार अमित (एसटीएलएस, DTC), कृष्ण मोहन सिंह (पीएमडब्ल्यू, एकमा), अरविंद कुमार सिंह (यक्ष्मा विभाग), अशोक रंजन (काउंसलर), अभय दास (काउंसलर) और सुजित कुमार (एलटी) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

