फाइलेरिया उन्मूलन अभियान तेज, 15–20 दिसंबर तक चलेगा ‘नाइट वार’ ब्लड सर्वे
सारण (बिहार): सारण जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। जिले में 15 से 20 दिसंबर तक “नाइट ब्लड सर्वे” अभियान चलाया जाएगा, जिसे स्थानीय स्तर पर “नाइट वार” नाम दिया गया है। इस अभियान का उद्देश्य फाइलेरिया की वास्तविक प्रचलन दर का पता लगाना है, ताकि भविष्य में दवा वितरण एवं रोकथाम रणनीति को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। सर्वे रात 8:30 बजे के बाद शुरू होगा और प्रत्येक चयनित सर्वे साइट से लगभग 300 लोगों के रक्त नमूने लिए जाएंगे। 20 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों का ही ब्लड सैंपल लिया जाएगा, क्योंकि माइक्रो फाइलेरिया परजीवी रात में अधिक सक्रिय होते हैं।
स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक प्रखंड में दो सर्वे पॉइंट—एक स्थायी और एक अस्थायी—स्थापित करेगा, जहाँ स्वास्थ्यकर्मी रात में घर-घर जाकर ब्लड सैंपल एकत्र करेंगे। नाइट ब्लड सर्वे को सफल बनाने के लिए जिला स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का नेतृत्व जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने किया। तकनीकी सत्र में जिला वेक्टर रोग सलाहकार सुधीर कुमार, डीपीएम अरविंद कुमार और पिरामल के एसपीएल चंदन कुमार ने सैंपल कलेक्शन, सुरक्षा मानकों, स्लाइड तैयार करने, संरक्षण व डेटा रिपोर्टिंग की प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया। प्रशिक्षण में सीएचओ, बीसीएम, वीबीडीएस, बीएचआई, बीएचडब्ल्यू और हेल्थ एजुकेटर शामिल हुए।
डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि प्रत्येक स्थल पर पाँच सदस्यीय टीम तैनात की जाएगी, जिसमें एक लैब टेक्नीशियन, एक कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, एक एएनएम, एक आशा कार्यकर्ता और एक अन्य कर्मचारी शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया एक परजीवी रोग है, जो क्यूलैक्स मच्छर के काटने से फैलता है और वर्षों में हाथ-पैरों की सूजन (हाथीपांव) जैसी जटिल स्थिति उत्पन्न करता है। इसीलिए रात के समय लिए गए रक्त नमूनों में माइक्रोफाइलेरिया की उपस्थिति की पहचान करना आवश्यक होता है।
इसी क्रम में ग्रामस्तर पर एनबीएस कमिटी का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी करेंगे। इस कमिटी में मुखिया, वार्ड सदस्य, जीविका प्रतिनिधि, एएनएम और आशा कार्यकर्ता अनिवार्य रूप से शामिल रहेंगे। जिम्मेदारी प्रखंड पंचायत पदाधिकारी के स्तर से सुनिश्चित की जाएगी। जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी संयुक्त रूप से अनुश्रवण व पर्यवेक्षण की विस्तृत योजना तैयार करेंगे, ताकि अभियान में कोई बाधा न आए और सर्वे नियोजित रूप से संचालित हो सके।
जिला वेक्टर रोग सलाहकार सुधीर कुमार ने लैब टेक्निशियनों को निर्देश दिया कि ब्लड स्लाइड कलेक्शन के 24 घंटे के भीतर स्टेनिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए और एक सप्ताह के अंदर माइक्रोस्कोपी रिपोर्ट तैयार हो जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु संबंधित प्रखंडों के थानाध्यक्ष चयनित गांवों में पुलिस बल की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। वहीं, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि पीडीएस डीलर सर्वे टीम को आवश्यक सहयोग दें।
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